शेल्टर होम में लगा ताला आश्रम हीन लोग सड़क किनारे सोने पर मजबूर

विकास बाजपेई (कानपुर) : सरकार ने आश्रम हीन लोगों के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया और शेल्टर होम का निर्माण कराया साथ ही राज्य शहरी आजीविका मिशन ने जिला अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे।
कि कड़ाके की ठंड में किसी भी गरीब लोगो के पास आधार कार्ड ना भी हो तब भी उसे शेल्टर होम में रहने से रोका नहीं जाएगा।
इसके साथ ही उन्हें खाना इत्यादि भी मुफ्त में निर्देश दिया गया था एवं शेल्टर होम में रहने वाले श्रमिकों का पंजीकरण श्रम विभाग में कराया जाएगा।
जिसके द्वारा उन्हें योजनाओं का लाभ मिलता रहे। लेकिन इसमें से कुछ होता नजर नहीं आ रहा है, इसे सरकार की लापरवाही कहे या फिर उत्तर प्रदेश के प्रशासन की लापरवाही या फिर दोनों का तालमेल कहें।
सरकार ने गरीबों के लिए व्यवस्था तो की थी जिसके कारण सरकार ने एक नहीं कईयों शेल्टर होम यानी आश्रय हीन लोगों के लिए घर बनवाया था और उनमें करोड़ों रुपए खर्च कर दिया था।
लेकिन प्रशासन और सरकार की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपए मानो पानी में डूब गया है और कड़ाके की ठंड में जिनको बिना कुछ पूछे शेल्टर होम में रहने का अधिकार था।
उनके लिए शेल्टर होम में ताला लगा मिलता है दरअसल कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में उपस्थित पनकी हनुमान मंदिर जिसके बाहर एक नहीं बहुत सारे गरीब लोग बिना आश्रम के रहते हैं।
इस सर्द के मौसम में जो कड़ाके की ठंड के मध्य आसमान से बरसते पानी को झेलते हैं आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन है ?
यह प्रश्न चिन्ह बना हुआ है, लेकिन लापरवाही के चलते पनकी पड़ाव में बना शेल्टर होम कई वर्षों से बंद पड़ा है,  देखना होगा कब सरकार और प्रशासन सक्रिय होता है और इन बंद पड़े शेल्टर होम के ताले को खुलवाता है।
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