30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया जाएगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान

-मिलकर जागरूकता फैलाएं, भ्रातियों को दूर भगायें कुष्ठप्रभावित कोई पीछे छूट न जाये
– 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया जाएगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
– अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 106 नये कुष्ठ मरीज खोजे गये

आगरा,
जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) से स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान की शुरूआत होगी। समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर शपथ ली जाएगी और लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरुक किया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ आश्रम में रहने वाले कुष्ठ रोगियों को एमसीआर चप्पल, कॉटन, गौज, सेल्फ केयर किट और दवाइयां आदि का वितरण भी किया जाएगा।

जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने कुष्ठ रोग निवारण दिवस की पूर्व संध्या पर जनपद वासियों को संदेश जारी करते हुए कहा कि हम सभी जनपद के लोग और जिला प्रशासन विकसित भारत अभियान के अवसर पर यह घोषणा करते हैं कि हम अपने जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगें।

कुष्ठ रोग को पहचानना बहुत आसान है और यह साध्य है। हम सभी कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगें। हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिले में उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करेंगें। इसके साथ हम कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से कोई भेदभाव नहीं करेंगे और न ही किसी दूसरे व्यक्ति को कुष्ठ रोग प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव करने देगें।

हम व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों से जुड़े कलंक और भेदभाव को समाप्त करने और उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अपना पूर्ण योगदान देगें। हम सभी कलंक एवं भेदभाव के प्रति शून्य सहिष्णुता के लिये आइए मिलकर जागरूकता फैलाएं, भ्रातियों को दूर भगायें, कुष्ठ प्रभावित कोई पीछे छूट न जाये की प्रतिज्ञा लेते हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि पर स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान संचालित होगा। इस वर्ष के लिये निर्धारित थीम “आइए मिलकर जागरूकता फैलाऐं, भ्रातियों को दूर भगायें, कुष्ठ प्रभावित कोई पीछे छूट न जाये” है। जागरूकता अभियान के अवसर पर जनपद में ब्लॉक स्तर पर विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम होंगे। सीएमओ ऑफिस, सभी प्रशासनिक अधिकारी और ग्राम प्रधानों द्वारा जिलाधिकारी का संदेश जनता को पढ़कर सुनाया जाएगा और जागरूकता संबंधित अपील की जाएगी।

ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के अंतर्गत जगह – जगह पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। समुदाय द्वारा कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति को उसकी सहमति के बाद सम्मानित किया जाएगा । जागरूकता संबंधित कार्यक्रम स्कूल में आयोजित किए जाएंगे।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार लवानिया ने बताया कि ने बताया कि 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान आमजन को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा। कुष्ठ रोग माइक्रो वेक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की दवा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होती है।

त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ध्रुव गोपाल ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए कुष्ठ रोगियों के परिवार के स्वस्थ व्यक्तियों व उसके आस-पास के 10 घरों के स्वास्थ व्यक्तियों के (कॉन्टेक्टस) को कुष्ठ रोग से सुरक्षित रखने के लिए रिफामपसिन दवा की सिगल सुपरवाइज्ड डोज दिया जाना प्रारंभ किया गया है। इस रिफामपसिन दवा की मात्रा सिगल डोज बैक्टीरिया को 99.99 प्रतिशत खत्म कर देती है। इस दवा का व्यक्ति पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। उन्होंने बताया कि जनपद में अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 106 नये कुष्ठ मरीज खोजे गये हैं । सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है।

कुष्ठ रोग के सामान्य लक्षण :
• शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो,उसमें पसीना ना आता हो कुष्ठ रोग हो सकता है
• शरीर की संवेदना वाहक नसों में मोटापन व दर्दीलापन कुष्ठ रोग का लक्षण हो सकता है। जांच व इलाज ना कराने पर विकलांगता आ सकती है।
• कान की पाली का मोटा होना व कान पर गांठे होना।

यह है लक्षण :
• शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो
• उसमें खुजली न हो, पसीना न आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है
• कान पर गांठे होना,
• हथेली और तलवों पर सुन्नपन हो

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