नई दिल्ली।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025 का केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव और सुधारों की घोषणा की गई। जिस पर हमारे संवाददाता ने इकोनॉमिस्ट व सीए हिमांशु दुबे से बात की।
उन्होंने कहा कि इस बजट में आम लोगों, खासकर मध्यवर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर लाभ, व्यापार प्रक्रिया में आसानियां और बेहतर निवेश अवसरों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
1. आयकर में सुधार:
आयकर की बुनियादी छूट सीमा को बढ़ाकर ₹12 लाख किया गया है, जिससे करदाता को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, कर स्लैब में भी सुधार किए गए हैं, जिससे कर प्रणाली और अधिक सरल होगी।
2. कराधान में सरलीकरण:
TDS और TCS के नियमों को सरलीकृत किया जाएगा, ताकि कर अनुपालन और भी आसान हो सके। इसके अतिरिक्त, चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए अनुपालन अवधि में विस्तार किया गया है।
3. निर्माण और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार:
बिजली वितरण में सुधार और राज्य के भीतर ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, न्यूक्लियर ऊर्जा मिशन का एलान किया गया है, जिसमें 2047 तक 100 GW न्यूक्लियर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
4. प्रौद्योगिकी और वित्तीय क्षेत्र में विकास:
वित्तीय बाजारों के लिए एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100% किया जाएगा, और कंपनियों के विलय के लिए मंजूरी की प्रक्रिया तेज की जाएगी। सरकार हल्के, विश्वास-आधारित नियामक ढांचे को लागू करने का भी वादा कर रही है।
5. कृषि और MSME को प्रोत्साहन:
कृषि क्षेत्र, MSME (सूक्ष्म, लघु और मंझले उद्योग), निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठाने जा रही है। 1.5 लाख करोड़ रुपये का बिना ब्याज ऋण और अन्य सुधारों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
बजट 2025: एक नया दृष्टिकोण
यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2026 के लिए कुल कर संग्रह ₹42.7 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष से 11% अधिक है। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटा 4.8% रहने का अनुमान जताया गया है।
यह बजट न केवल व्यवसायियों और निवेशकों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी कई अवसर लेकर आएगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा प्रदान करेगा।