• बेगूसराय, मुंगेर व सहरसा के चार मरीज भी जल्द जायेंगे घर
• चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों ने सम्मान में बजाया ताली
• मरीज बोले- घर जाकर लोगों को कोरोना से जागरूक करेंगे
भागलपुर, 7 अप्रैल
कोरोना से जंग के बीच भागलपुर से मंगलवार को अच्छी खबर आयी है। जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती छह मरीजों ने कोरोना को हराकर जिंदगी की जंग जीत ली है। मुंगेर, सहरसा व बेगूसराय के चार मरीजों की फाइनल रिपोर्ट पहुंच नहीं सकी, इस कारण मंगलवार को उन्हें घर नहीं भेजा जा सका। जबकि मुंगेर की एक महिला व एक बालक को एंबुलेंस के माध्यम से घर भेज दिया गया है.
मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. के. पुरुषोत्तम ने जेएलएनएमसीएएच के अस्पताल अधीक्षक व यहां के चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कोरोना पर विजयी होने पर अब लोगों में विश्वास भी बढ़ेगा। यह गौरव का पल है। दोनों मरीजों को उनके घर भेज दिया गया है। जेएलएनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में सुबह 11 बजे मुंगेर निवासी एक महिला व एक बालक को नोडल पदाधिकारी डॉ. हेमशंकर शर्मा ने डिस्चार्ज टिकट सौंपा। वे पिछले 14 दिनों से चिकित्सकों की निगरानी में थे। डिस्चार्ज के वक्त अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल, नोडल पदाधिकारी, डॉ. विनय कुमार, डॉ. आवेद अली, डॉ. केके सिन्हा, डॉ. राजकमल चौधरी के अलावा नर्स व गार्ड ने ताली बजाकर दोनों का स्वागत किया। दोनों मरीजों के चेहरों पर खुशी के आंसू निकल आये और हाथ जोड़ते हुए चिकित्सकों को धन्यवाद दिया। डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया सभी छह मरीज उनकी यूनिट में भर्ती थे। चार अन्य मरीजों को भी जल्द घर भेज दिया जायेगा।
कोरोना के वीर ने कहा -मन को मजबूत करने से मिली विजय
घर वापस लौटने के समय कोरोना के वीर 35 वर्षीय महिला रेशमा बेगम ने कहा यह उनका पुर्नजन्म है। हर पल मौत का खौफ नजर आता था। उस समय अल्लाह को याद करते थे। मन को मजबूत कर इस बीमारी से लड़ने में मदद मिली। यहां के चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से भरपूर प्यार मिला। इनलोगों ने मसीहा बनकर उन्हें नयी जिंदगी दी। उन्होंने बताया जो खौफ का दर्द उन्होंने झेला है, वह चाहते हैं उसे कोई दूसरा नहीं झेले। इसलिए वो लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूक करेंगी। सतर्कता व जागरूकता से लोग इस बीमारी से बच सकते हैं। लोगों को डॉक्टरों के बताये नियमों का पालन करना चाहिए। यह उनका पुर्नजन्म जैसा है।
12 वर्षीय बालक मो. कैफ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा वह अब आजाद महसूस कर रहे हैं। नोडल पदाधिकारी डॉ. हेमशंकर शर्मा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर मिली यह कामयाबी बड़ी उपलब्धि है। एक साथ छह मरीजों के दोनों रिपोर्ट निगेटिव आई है। चार और मरीजों को जल्द ही वापस भेजा जायेगा।
खान-पान की थी विशेष व्यवस्था
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए लोगों से अभी भी सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कोरोना मरीजों के लिए खानपान की अलग व्यवस्था की गयी थी। उन्हें एंटी वायरल दवा के साथ अंडा दूध भी दिया जा रहा था। उनके आहार पर नजर रखी जा रही थी। दोनों मरीजों में दूसरी कोई बीमारी नहीं थी। इस कारण कोरोना की जंग जीतने में भी मदद मिली।