आपात स्थिति से निबटने बनाया गया 186 बेड का आइसोलेशन वार्ड

वासी कामगारों के भौतिक सत्यापन के साथ हो रही आवश्यक जांच

लखीसराय, 13 अप्रैल:

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग हर तरह की सर्तकता बरत रहा है. जिला से बाहर अन्य राज्यों से आने वाले लोगों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है, वहीं पंचायत स्तर व सदर में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड में उनके रखने की पूरी व्यवस्था है. आइसोलेशन वार्ड व क्वरेंटाइन सेंटरों पर ऐसे लोगों की नियमित देखरेख की जा रही है. कोरोना की आपात स्थिति से निपटने के लिए सदर अस्पताल में बनाये गये आइसोलेकशन वार्ड में जहां 50 बेड की व्यवस्था की गयी है, वहीं अब निकटवर्ती  तेतरहट  पारा मेडिकल संस्थान में 186 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. यहां पर प्रवासी कामगारों को रखने की पूरी व्यवस्था है.
आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है स्वास्थ्य विभाग:इस बाबत अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेंद्र चौधरी ने बताया संक्रमण के प्रकोप को पूरी तरह रोकने के लिए सर्तकता व सावधानी ही सबसे कारगर उपाय है. अन्य राज्यों से आये प्रवासी कामगारों के भौतिक सत्यापन व उनकी जांच के उपरांत आवश्यकता पड़ने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड की जरूरत को हर स्तर पर मुहैया कराया जा रहा है. आइसोलेशन वार्ड की कमी नहीं हो इसके लिए इस मेडिकल संस्थान का चयन किया गया है. यहां 186  बेड की व्यवस्था है. बड़ी संख्या में एक जगह कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों को एक जगह रखा जा  सकता है. इससे मेडिकल टीम को भी सुविधा होगी. ऐसे समय में जब यहां बड़ी संख्या में लोगों को रखने की जरूरत होगी तो यहां पर चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्त कर दिये जायेंगे. किसी भी विषम परिस्थिति में इस मेडिकल संस्थान का उपयोग संदिग्ध मरीजों के लिए होगा.
प्रत्येक दिन हो रही प्रवासी कामगारों की स्क्रीनिंग: जिला जन प्रति-रक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया की कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मरीजों के भौतिक सत्यापन संबंधी कार्यों के साथ उनकी स्क्रीनिंग प्रतिदिन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम द्वारा किया जा रहा है. ये टीम पंचायत स्तर पर गांव गांव का भ्रमण कर ऐसे चिन्हित लोगों की खोज कर उनकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं जो बाहर से आये हैं. इसके साथ ही सर्दी खांसी वाले सामान्य मरीजों को भी सर्तक रहने की सलाह दी जा रही है. घर से बाहर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने और अनावश्यक भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने के लिए कहा गया है. अन्य आइसोलेशन वार्ड सहित क्वरेंटाइन सेंटरों पर स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है. ऐसी किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में तुरंत सूचना देने का निर्देश स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया है.
क्या है आइसोलेशन वार्ड: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया आइसोलेशन वार्ड ऐसी जगह होती है जहां संदिग्ध मरीज को बिल्कुल अलग थलग रखा जाता है. आइसोलेशन वार्ड में संदिग्ध मरीज को इसलिए रखा जाता है कि उसके संपर्क में कोई नहीं आ सके. उसे आइसोलेशन वार्ड में रख कर उसके लक्षणों पर पूरी नजर रखी जाती है. संक्रमण के लक्षण दिखने पर उसे आवश्यक इलाज मुहैया कराया जाता है.

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