सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रख लें सभी स्वास्थ्य सुविधाएं: सिविल सर्जन

स्वास्थ्य सुविधाओं में न हो कमी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश
आपातकालीन व ओपीडी में काम सुचारू रूप से काम होने पर दिया जोर
लॉकडाउन में भी लोगों से संस्थागत प्रसव को ही प्राथमिकता देने पर बल
लखीसराय, 18 अप्रैल:
जिला में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन को लेकर अन्य बाधित हुई स्वास्थ्य सेवाओं को पुन: चालू किया जा रहा है. आमलोगों तक अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को आसान किया जा सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पुरी मुस्तैदी से काम कर रहा है. ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं सहित गर्भवती के लिए भी सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था कराने के लिए लोगों को अस्पताल आने के लिए कहा गया है.
सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने लोगों से अपील किया है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन की स्थिति में बहुत आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा के लिए अस्पताल आ सकते हैं. घर से बाहर निकलते समय लोग अपनी पूरी सुरक्षा का ख्याल कर निकलें. उन्होंने लोगों से कहा है कि ओपीडी सहित आपातकालीन सेवाओं को सुचारू रूप से चालू करने में आमजन की सहभागिता भी जरूरी है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सही तरीके से अनुपालन किया जा सके. और अन्य बीमारी का इलाज कराने के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम की जा सके. उन्होंने कहा है कि गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने के लिए जरूर जायें क्योंकि इस संकटकाल में भी संस्थागत प्रसव के मामले कम नहीं होने चाहिए. इसके लिए आवश्यक निर्देश भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिये गये हैं.
प्रधान सचिव के निर्देश के अनुरूप हो रहा काम:
सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार जिला अस्पताल व अनुमंडलीय अस्पताल में आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं. अस्पताल के प्रवेशद्वार पर फ्लू कॉर्नर की व्यवस्था सहित एंट्रेंस व एग्जिट के लिए एक ही गेट चालू रखने के निर्देश दिये गये हैं. आशाओं व एएनएम के माध्यम से लोगों को बताया गया है कि आपातकालीन सेवा लेने वाले मरीज या प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती के साथ बहुत अधिक लोग नहीं आये.
लॉकडाउन में भी संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता:
जिला में संस्थागत प्रसव सहित ओपीडी व अन्य आपातकालीन सेवाओं को शुरू करने के संबंध में राज्य सरकार के दिये गये निर्देश के बाद जिला अस्पताल सहित अनुमंडलीय अस्पतालों में इन सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं होने देने संबंधी निर्देश सिविल सर्जन ने दिये हैं. आशा व एएनएम के माध्यम से इस बात की लोगों तक जानकारी दी जा रही है कि लोग आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे संस्थागत प्रसव आदि के लिए नजदीक के ही अस्पताल जायें. यदि घर में कोई गर्भवती महिला है जिसके प्रसव का समय नजदीक है तो पूर्व से ही अस्पताल में संपर्क कर सारी व्यवस्था कर लें ताकि लॉकडाउन में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. गर्भवती को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होती है तो निजी वाहन से उसे अस्पताल ले जा सकते हैं. इसके लिए विभाग की ओर से आवागमन के लिए 500 रुपये की राशि का भुगतान भी किया जायेगा.
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