पंचायतों में मास्क व ग्लब्स उपलब्ध करा रहे हैं मुखिया

• ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव व सेनिटाइज करने का चल रहा काम
• मुखिया को कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर मिले हैं 4 लाख रूपये
भागलपुर, 21 अप्रैल
कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर जिला से लेकर पंचायतों में युद्धस्तर पर काम चल रहा है। पंचायतों में जहां मुखिया लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं, वहीं सरकार से मिले फंड से लोगों को मास्क, ग्लब्स व साबुन उपलब्ध करवा रहे हैं। पंचातयों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे हैं। पंचायत को सेनिटाइज करने का भी काम चल रहा है।दरअसल, बिहार सरकार ने सभी मुखिया को दूसरी किश्त के तौर पर 4 लाख रुपये का फंड जारी किया है, जिसका उपयोग सिर्फ कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर करना है। इस पैसे का इस्तेमाल किसी विकास कार्य में नहीं करना है। इसे लेकर पंचायत राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने निर्देश भी जारी किया है।
ग्राम मुखिया कर रहे हैं सहयोग:
बिहपुर पश्चिम पंचायत की मुखिया नीना रानी का कहना है कि सरकार से मिले फंड से पहले से ही लोगों को मास्क उपलब्ध करवा रही थी। अब फंड मिलने के बाद राहत कार्य का दायरा बढ़ गया है। वह अपने स्तर से एक टीम तैयार कर रखी हैं , जो गांव के लोगों पर निगरानी रख रही है। अगर कोई घर से बिना मतलब के निकल रहा है तो उसे समझाकर वापस कर दिया जा रहा है। किसी भी तरह की लापरवाही से लोगों को रोका जा रहा है।
वहीं नारायणपुर प्रखंड के सिंहपुर पश्चिम पंचायत के मु्खिया प्रीतम मिश्रा का कहना है कि वह पहले से ही इस काम में जुटे थे। अब जब सरकार की तरफ से फंड जारी हुआ है तो हौसला और भी बढ़ गया है। पंचायत के आखिरी व्यक्ति तक मास्क और ग्लब्स उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही जरूरतमंदों को भोजन की सामग्री भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। ऐसा न हो कि लॉकडाउन में किसी को खाने की दिक्कत हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।
खर्च करने का भेजा ब्योरा:
सरकार से दूसरी किश्त में मिले 4 रुपये के खर्च करने का ब्योरा पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार ने जिले के सभी मुखिया को भेजा है। उन्होंने बताया गया है कि यह अनुदान मद की राशि है। इससे साबुन, ग्लब्स, सेनिटाइजर, मास्क आदि सामान की खरीदारी स्थानीय स्तर पर करनी है। स्थानीय बाजार से ब्लीचिंग पाउडर खरीदकर इसका छिड़काव पंचायतों में करना है। होली के बाद घर से बाहर गए जो लोग वापस गांव लौटे हैं, उनकी पहचान कर 14 दिनों तक गांव के बाहर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखना है। 14 दिन पूरा होने के बाद ही उसे घर जाने देना है। अगर पंचायत में किसी को सर्दी-खांसी या बुखार हो तो उसका तत्काल स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाना है। साथ ही क्वारंटाइन में रह रहे लोगों के भोजन पर खर्च पंचम वित्त आयोग की राशि से नहीं करनी है। इसके लिए अलग से आपदा प्रबंधन विभाग से फंड जारी किया गया है।
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