मानवता के नाते : पशुओं के चारा खाने व पानी पीने के लिए बनवाई खोर

कोविड-19 के चलते लाक डाउन में कुछ समाज सेवी बेसहारा पशुओं को भी भोजन खिलाने का काम कर रहे हैं। देश में लोक डाउन के चलते काफी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस संकट की घड़ी में हम सभी लोगों को भी पशुओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए। राम त्यागी द्वारा आज के हालात पर चिंता जताते हुए राम त्यागी ने सभी लोगों को आगे आकर बेजुबान जानवरों की सहायता करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में देश अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में जाति, धर्म से ऊपर उठकर प्रत्येक नागरिक को एकजुटता के साथ देश हित में अपना योगदान देना चाहिए।

राम त्यागी ने कहा अन्य जीव धारियों की तरह बेसहारा पशुओं को भी जीवन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए खाद पदार्थों की आवश्यकता होती है।

पालतू पशु व जो पालतू नहीं बेसहारा या बाहर घूमने वाले पशु मुख्यतः शाकाहारी होते हैं चारा ही इनका मुख्य भोजन है।

राम त्यागी ने कहा पशुओं द्वारा भूख को शांत करने के लिए एक समय में जो भोजन खाया जाता है उसे खुराक कहते हैं।

पशुओं को चारा दिन में दो बार अवश्य मिलना चाहिए भोजन की वह आवश्यकता मात्रा जिसे पशु 24 घंटे के दौरान खाते हैं आहार कहलाती है।

पशुओं का आहार अच्छा हो तो वह स्वस्थ रहते हैं और बाहर पड़ा पॉलिथीन वह कूड़ा कचरा नहीं खाते हैं। अक्सर देखा जाता है कि बाहर या बेसहारा पशु बाहर रहकर कूड़ा कचरा व पॉलिथीन खाकर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

और वह स्वस्थ नहीं रहकर काफी बीमार रहते हैं। इन चीजों को देखते हुए पशुओं का ध्यान रखते हुए हमने यह निर्णय लिया है कि हमसे जितना हो पशुओं की सेवा की जाए।

समय पर उन्हें भोजन की व्यवस्था की जाए। जो पशु भोजन खाने में असमर्थ हैं जिन्हें समय पर भोजन नहीं मिलता गांव सिहानी में बेसहारा पशुओं को समय पर चारा मिले ऐसा भरपूर प्रयास रहेगा।

पशुओं को खाने में पानी पीने के लिए खोर बनवाई गई है। जहां उन्हें समय-समय पर पानी व चारे की उचित व्यवस्था की गई है।

बेसहारा व आवारा पशुओं को सुबह व शाम समय पर चारे की व्यवस्था की जाएगी। पशुओं के खाने का जो स्त्रोत है वह हरा चारा, खल ,खनिज मिश्रण ,समय-समय पर रोज उपलब्ध कराया जाएगा।

पशुओं को पानी भी समय पर मिलना चाहिए पशु शरीर मैं लगभग 75% पानी होता है। एक सामान्य पशु के लिए 35 से 40 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। पशुओं के पानी पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए।

गर्मियों में पशुओं के लिए पानी पीने की उचित व्यवस्था हो। जैसे जगह-जगह पीने के लिए प्याऊ बनाए गए हो जिससे वह पानी की पूर्ति कर सकें।

इसीलिए ग्राम सिहानी में पशुओं के लिए पानी पीने के लिए प्याऊ बनवाया गया जिससे वह समय पर पानी पीकर अपना पानी लेवल सही रख सकें।

श्री राम त्यागी ने कहा जिस प्रकार मनुष्य अपना ख्याल रखता है, अपने लिए हर वह प्रयास करता है कि वह स्वस्थ रहें। खाने पीने से वैसे ही हमें भी पशुओं का ख्याल भी रखना चाहिए। पशु पक्षियों के होने से ही प्रकृति संतुलन में है हमें अपने साथ साथ पशु पक्षियों का भी ध्यान रखना चाहिए।

 

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