लक्ष्य प्राप्ति के लिए करें मुस्कान योग – श्री गुरुजी भू

लक्ष्य प्राप्ति के लिए करें मुस्कान योग।

  – श्री गुरुजी भू

      अगर आपको अपने साधे हुए लक्ष्य की प्राप्ति करनी है तो उसके लिए एकाग्रता, कडा परिश्रम, संघर्ष, धैर्य एवं सच्ची लगन की ज्वाला जलाये रखनी होगी। इन सबके लिए मन को शक्तिशाली बनाना होता है। ये सब सहजता से करने का एक मात्र उपाय है – मुस्कान योग।

कैसे काम करता ये सूत्र ?

मेरा मानना है कि मात्र एक वर्ष आपके दुर्भाग्य को सोभाग्य में बदल सकता है। अगर आप मे समर्पण भाव है तो आप शान्त मन से प्रतिदिन कम से कम 20 से 30 मिनट मुस्कान योग अवश्य करें। जिससे आपकी एकाग्रता बढेगी, आत्मशुद्धि होगी फिर आपकी आत्मशक्ति धीरे धीरे स्वतः ही बढती जायेगी।
तब आप प्रतिस्पर्धा स्वीकार करेंगे, घबराएंगे नही, प्रतिस्पर्धा का डर और प्रेशर स्वाभाविक है। इसका सामना करना सीखकर इससे व्यक्ति और मजबूत बन कर आगे निकल जाता है बस मानव को सफलता के लिए अनुशासन, एकाग्रता, निरन्तरता, कार्य संस्कार और परिश्रम में समन्वय बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है।

नवीनीकरण के साथ चलें, हार नही माननी है।

       एक सर्वे के अनुसार आज अमेरिका में 90%रोजगार बन्द हो रहेँ है। वहींं नये तरह के रोजगार मार्केट में आरहे है। लोग बेरोजगार भी हो रहे हैं ये वो लोग है  जिन्होंने कभी स्वयं को अपडेट नही किया। आज शैक्षिक स्थिति भारत मे भी कुछ ऐसी ही है 3-5 वर्ष के कई कोर्स ऐसे है जिन्हे जब शुरु करते हैं तो नए परंतु जब पूरे होते है तो पुराने हो जाते है। जिसके कारण नौकरी उनसे दूर होती जा रही है और बेरोजगारी का प्रतिशत अधिक। किन्तु जो लोग अपनी चेतना जगाये रखते है, धैर्य बनाये रखते है और स्वयं द्वारा कर रहे कोर्स/कार्य या व्यापार मे नवीनीकरण बनाये रखते है वह विफल नही होते।

आपका भाग्य बहुत अच्छा है – जितना काम उतना फल

कई लोग कहते है कि मेरा तो भाग्य ही खराब है। क्या है भाग्य ? अगर आप भाग्य को मानते ओर जानते है तो भगवान को भी मानते होगे। तो सुनो भगवान को मानव ही नही वरन् हर जीव के परिश्रम का फल देना ही पडता है। किये गये कार्य का फल देता ही है। अब भाग्य बहुत अच्छा है तो उसका फल 10 गुणा या बहुत अच्छा है तो 100गुणा भी हो सकता है। नही जितना काम किया उतना फल तो भगवान देते ही है।
       अर्थात यदि मुस्कान योग करते हुए एकाग्रता से, जी जान से, परिश्रम से सच्ची लगन से काम करते रहे तो लक्ष्य दूर नही रह सकता। जिन्होने प्रयास किया वह चांद पर पहुंच भी गये अब मंगल पर सफलता पानी है।
सफलतापूर्वक
करो मुस्कान योग, रहो निरोग, ना होगा कभी लक्ष्मी से वियोग।
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