विश्व में सबसे बडी चुनौती है ये कोरोना काल
विश्व भर में आई इस महामारी से विश्व के सभी देश सभी लोग पीड़ित हैं परेशान हैं अक्षांश हैं दुविधा में हैं और तरह-तरह के उपचारों के उपरांत भी इसका कोई उपचार अभी तक खोज नहीं पाए हैं केवल आयुर्वेद में कुछ उपचार सफल हो पाए हैं भारतीय पद्धतियां कुछ सफल हो पाई हैं और भारतीय आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा योग प्राणायाम की पद्धतियां शायद इसमें सफल होती दृष्टिगोचर हो रही है।
समझबूझ से निकलेगा हल
अगर हमनें अपनी समझ बूझ से काम लिया तो हम इस झटके को, इस आपदा को, बहुत बड़ी विपत्ति को अवसर में परिवर्तित कर सकते हैं। विपत्ति काल में हम समझ बूझ से काम लेंगे तो जीत जायेेगेे। भारतीय चिकित्सा पद्धतियां पहले से ही बहुत प्रसिद्ध है। इसलिए मेरा मानना है कि अब हमको अपनी अपनी व्यवस्थाएं अपने क्षेत्रों में अपनी मजबूती कर लेनी चाहिए। अपने कमजोर से कमजोर साथियों को भी जोड़ कर हम बहुत बड़ा संगठन बनाकर बडा काम सकते हैं। संगठनात्मक ढांचा तैयार होने के बाद जब हम सब एक साथ मिलकर कोई काम करेंगे तो व्यापार व्यवस्था ठीक हो जायेगी। कोई शक्ति ऐसी नहीं जो हमें हरा दे। हमें जीतना ही होगा, क्योंकि हम जीतने के लिये ही लड़ रहे हैं। यह मंदी का दौर बहुत जल्दी ही समाप्त होने की सम्भावना है। इसलिए मैं कहता रहा हूं कि इस आपदा को, विपत्ति काल को अवसर में परिवर्तित कर डालों। यही आज की आवश्यकता है। इस समय हमें हर नए विचारोंं को नए तरीके से प्रस्तुत करना होगा। नए व्यापार को नए तरीके से करना चाहिए। संगठित होकर सहकारिता की भावना से किए गए कार्य आपके द्वारा भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। आज विश्व की सर्वाधिक युवा शक्ति भारत के पास है। हमारी आवश्यकता आज समस्त विश्व को है।
ये संकट काल समाप्त होगा
यह संकट काल, यह कोरोना काल, यह प्रलय काल, मंदी का दौर एक ना एक दिन समाप्त हो ही जायेगा। 2021 के उपरांत फिर से तीव्र गति से हमारी अर्थव्यवस्था पुनः दौड़ने लगेगी। हम सब सुखद अनुभव करने लगेंगे लेकिन इस बीच में हमको लक्ष्य आधारित कठिन परिश्रम, त्याग, एकाग्रता और बहुत सारे काम करने होंगे जिससे कि हम सुचारू रूप से चलते रहें। हमें हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठना चाहिए। हमें एकाग्रता से आगे बढ़ने के नए अवसर तलाशते रहना होगा। तभी हम सफलता की तरफ बढ़ेंगे। तभी हम जीत पाएंगे। कोरोना को हारना होगा और मानव को जीतना ही होगा। हम भारतीयों में ये क्षमता है। हम विश्व को नई राह दिखायेंगे।
श्री गुरु जी भू
( लेखक: विश्व चिंतक, प्रकृति प्रेमी, मुस्कान योग के प्रणेता, वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव एवं विश्व मित्र परिवार के संस्थापक है)