100 से अधिक देश, करोडों लोग एक साथ करेंगे कोरोना मुक्ति यज्ञ

वैश्विक विषाणु कोरोना से मुक्ति एवं पर्यावरण शुद्धि के हेतु सामूहिक आध्यात्मिक प्रयोग 31 मई को। विजय खुराना

        🔥 हर घर में हो गायत्री महायज्ञ*🔥
      गौग्रास निकाल कर गाय को अवश्य देवे।
तरंग न्यूज:
राष्ट्रीय गौधन महासंघ एवं विश्व मित्र परिवार के तत्वावधान में 31 मई 2020 को कोरोना सहित अन्य विषाणुओं/हानिकारक जीवाणुओं/रोगाणुओं के विनाश तथा पर्यावरण के परिशोधन हेतु पूरे विश्व मे एक साथ करोडों परिवारों में गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र से विश्व के 100 से भी अधिक देशों में आहुतियाँ दी जायेंगी।
यज्ञ द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण को निश्चित रूप से समाप्त किया जा सकता है। साथ ही सभी प्रकार के रोगाणु/जीवाणु/विषाणु नष्ट हो जाते है ।

 31 मई 2020 रविवार प्रातः 9:00 से 12:00 बजे से एवं साय: 4 से 7 बजे तक का समय

31 मई 2020 रविवार को सुबह 9 बजे से 12 बजे या शाम को 4 बजे से 7 बजे के बीच पूरे विश्व में करोड़ों लोग एक साथ वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए अपने-अपने घरों में गायत्री मंत्र की 24 बार, सूर्य गायत्री मंत्र की 11 बार तथा महामृत्युंजय मंत्र की 11 बार आहुतियाँ देंगे।
यज्ञ संयोजकों ने बताया कि हमने विश्व के सभी भाईयों व बहनों से विनम्र निवेदन किया है कि संकट की इस विषम परिस्थिति में विश्व मानवता की रक्षा एवं कल्याण के लिए इस महायज्ञ में अपनी  अपनी-अपनी आहुतियाँ अवश्य अर्पित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आप के आसपास जान-पहचान का कोई भी घर इस महायज्ञ में आहुतियाँ देने एवं कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से मुक्ति हेतु अपने-अपने इष्ट से प्रार्थना करने से वंचित न रह जाए।
अगर आपको यज्ञ कर्मकांड नही आता है तो कोई बात नहीं । जैसे आप प्रतिदिन पूजन करते है वैसे ही पूजा कर किसी पात्र में अग्नि प्रज्ज्वलित कर हवन करें या  रसोईघर में गैस पर कटोरी रखकर जब खूब गर्म हो जाये तो  गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय तथा सूर्य गायत्री मंत्र से अवश्य आहुतियाँ दें । यदि आपके पास हवन सामग्री है तो अति उत्तम अन्यथा हवन सामग्री के अभाव में घर मे उपलब्ध चावल, गुड़, घी, जौ, लौंग, गुग्गल, इलायची, दशांग, नारियल आदि जो भी उपलब्ध है, मिलाकर हवन सामग्री तैयार कर उससे हवन कर लें ।
जो परिजन मोबाइल से यज्ञ करना चाहते है वे यूट्यूब से देखकर भी हवन कर सकते है।

लघु यज्ञ भी कर सकते है

कुछ भी न मिले तो तेल या घी से एक दीपक जला लें या सूर्य/सविता देवता के सामने बैठकर पास में एक कटोरी खाली और एक में पानी भरकर रख लें । गायत्री मंत्र 24 बार, सूर्य गायत्री मंत्र 5 बार तथा महामृत्युंजय मंत्र 5 बार स्वाहा बोलते हुए एक चम्मच पानी खाली कटोरी में जल डालकर आहुतियाँ प्रदान करे। अंत में सभी जल को तुलसी के या अन्य गमले में सूर्य भगवान को अर्ध्य प्रदान करें ।
साथ ही कोरोना महामारी से संघर्ष में प्राणपन से जुटे कोरोना योद्धाओं डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिसकर्मी, अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ कोरोनाग्रस्त मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना तथा कोरोना रोग एवं अन्य हानिकारक रोगाणुओं/ विषाणुओं /जीवाणुओं के नाश के लिए अपने इष्ट या देवाधिदेव भगवान महाकाल से प्रार्थना करना है । 
आपसे विनम्र आग्रह है कि आप अपने साथ-साथ अपने पड़ोसियों, परिजनों, सगे संबंधियों, रिश्तेदारों, स्नेहीजनों, इष्ट मित्रों आदि को इस दिव्य ईश्वरीय कार्य को अपने-अपने घरों में करने/कराने लिए प्रेरित करने का कष्ट अवश्य करें ।

हो सके तो घर में 9 औषधीय पौधे भी लगाये।

*गायत्री मंत्र*

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। स्वाहा। इदं गायत्र्यै इदं न मम।

*महामृत्युंजय मंत्र*

ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। स्वाहा। इदं महामृत्युंजयाय इदं न मम।

*सूर्य गायत्री मंत्र*

ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात। स्वाहा। इदं सूर्याय इदं न मम।

विश्व मानवता के कल्याण के लिए यह आपकी एक विनम्र आहुति होगी। कृपया सेवा का अवसर यह चूक न जाये।
*नास्ति अयज्ञस्य लोको वै नायज्ञों विदन्ते शुभम*।
*अयज्ञों न च पूतात्मा नश्यतिच्छिन्नपर्णवत*।।
                                          –शंख स्मृति
यज्ञ न करने वाला मनुष्य लौकिक और पारलौकिक सुखों से वंचित हो जाता है। यज्ञ न करने वाले कि आत्मा पवित्र नहीं होती और वह पेड़ से टूटे पत्ते की तरह नष्ट होता है।

*यज्ञ से लाभ*

01. शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति (Immune Power) बढ़ती है।

02.पर्यावरण का शुद्धिकरण होता है।

03. सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।

04. विभिन्न रोगों से मुक्ति।

05. घर में छिपे रोगाणुओं/विषाणुओं का नाश।

06. आभामण्डल का विस्तार होता है।

 07.मनोकामना पूर्ण होती है।

08. कोई भी कार्य का लिया संकल्प अतिशीघ्र पूरा होता है।

09. मानव में महामानवी देव तुल्य शक्तियों का विकास हो जाता है।

*नोट:* यज्ञ का प्रभाव यज्ञ करने वाले स्थान पर एवं आसपास लभगभ एक सप्ताह तक बना रहता है। इसलिए सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने घरों में यज्ञ अवश्य करना चाहिए, ताकि यज्ञ का लाभ हमें नियमित रूप से मिलता रहे। यदि हवन प्रतिदिन किया जाए तो अति उत्तम।
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