सूर्य ग्रहण पर 25 साल बाद बन रहा है ऐसा योग, दिन में ही छा जाएगा अंधेरा

नई दिल्ली : इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून रविवार को लगने जा रहा है । यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा और सूर्य किसी चमकीले छल्ले की तरह नजर आएगा । इस दौरान सूर्य का तकरीबन 90 से 99 फीसदी हिस्सा चंद्रमा की छाया में छिप जाएगा । इस प्रकार का सूर्य ग्रहण 25 वर्ष पूर्व 1995 में भी हुआ था । तब दिन में ही अंधेरा छा गया था ।

वर्ष 2020 का यह पहला सूर्य ग्रहण होगा । यह सूर्य ग्रहण भारत समेत पाकिस्तान, चीन, सेंट्रल अफ्रीका के देश, कॉन्गो, इथोपिया, नॉर्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और यूरोप के अलग-अलग देशों में दिखाई देगा । यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य किसी चमकीले छल्ले की तरह नजर आता है ।

भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा । इसका चरम दोपहर 12:10 बजे होगा । यह सूर्य ग्रहण लगभग 5 घंटे 48 मिनट का होगा । हालांकि देश के भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसका अलग-अलग समय हो सकता है ।

*भारत में इसका आरम्भ प्रात: 9 बजकर 56 मिनट से होगा । यहाँ ग्रहण का मध्य दिन में 11 बजकर 30 मिनट पर होगा जबकि ग्रहण का मोक्ष 1 बजकर 20 मिनट पर होगा । इस वजह से सूतक काल 12 घंटे पहले मान्य होगा । यानी 20 जून, शनिवार को रात 9 बजकर 56 मिनट से सूतक काल लग जाएगा । शास्त्रों के मुताबिक, सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं । इस दौरान तीर्थंकर भगवान एवं देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करना सही नहीं माना जाता है ।*

ग्रहण का सूतक काल 20 जून शनिवार रात 9:15 बजे से शुरू हो जायेगा । इसी के साथ शहर के मन्दिरों के पट भी बंद हो जाएंगे ।

जवाहर तारामंडल के निदेशक डॉ. रवि किरन का कहना है कि सूर्य ग्रहण की स्थिति वलयाकार रहेगी । यह न पूर्ण होता है न ही आंशिक । प्रयागराज में सूर्यग्रहण 78 फीसदी ही दिखाई देगा । हरियाणा के कुरुक्षेत्र, सिरसा, राजस्थान के सूरजगढ़, उत्तराखण्ड के देहरादून और चमोली में पूरा सूर्यग्रहण दिखाई देगा ।उन्होंने कहा कि चन्द्रमा अपने कक्ष में अंडाकार घूमता रहता है । चन्द्रमा से सूर्य की दूरी अधिक होने से दोनों का आकार बराबर दिखाई देता है । 21 जून को ही सूर्य कर्क रेखा के ठीक मध्य में होगा । यह वर्ष 2020 का सबसे बड़ा दिन है ।

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