दोषी कौन ? अपराधी कौन ? – गुरुजी भू

अपराधी कौन, कैैैसे बनेंं बाहुुबली?

 

अबकी बार विकास दुबे ने आठ पुलिस वालो को मारा है और छः को गंभीर घायल कर दिया।
इस पर कुछ प्रश्न है-

विकास ने पुलिस को क्यों मारा?

पुलिस उसे गिरफ्तार करने गयी थी।

पुलिस उसे गिरफ्तार करने क्यों गयी थी?

क्योंकि विकास पर 60 आपराधिक मामले दर्ज़ है जिनमे 20 प्रकरण हत्या और हत्या के प्रयास के है। बाकी बलवा, दंगा, रासुका के मामले है। सो किसी न किसी मामले में गिरफ्तारी करना होगी या फिर कोई नया मामला हुआ होगा।

एक बहुत बड़ा प्रश्न है जिसे आप मैं और हम सब एक सौ तीस करोड़ भारतीय भूल रहे है।

60 आपराधिक प्रकरण दर्ज़ थे और विकास जमानत पर घूम रहा था। हद है पराकाष्ठा है, कानून नहीं है कोई खिलौना है।

न्यायपालिका से पूछिए- क्यों घूम रहा था यह जमानत पर, इतना बड़ा अपराधी और जमानत पर घूम रहा था। अभी बालक था भविष्य बिगड़ जाएगा इसलिए जमानत पर छोड़ा जा रहा था। पुलिस बार बार पकड़ रही थी और बार बार जमानत पर छोड़ा जा रहा था। बेचारी पुलिस पकड़ ही क्यों रही थी, इस बार भी क्यों पकड़ रही थी वह तो फिर जमानत पर छूट जाता।

ऐसे हज़ारो विकास दुबे है जो इस आज़ाद भारत में आपके मेरे और हम सब के आसपास हर शहर में घूम रहे है, कानून को जिन्होंने खिलौना बना रखा है।

सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि कौन देता है इन्हें जमानतें और क्यों देता है? सरकारों से मत पूछिए न्यायपालिका से पूछिए। सरकारों ने तो उस पर हर समय मुकदमे बनाये है तब ही तो उस पर साठ मुकदमे बने पर हर दफा वह जमानत लेकर आया है।
न्यायपालिका सर्जिकल स्ट्राइक के साथ साथ मुजरिमों के बाख निकलने के छिद्रों को चिन्हित करते हुए यूद्धस्तर पर उपचार मांगती है साथ साथ,ज़मानत देने वाले जजों की कुंडली खंगालने की ज़रूरत है।

ये वही अंधा कानून है जो अंग्रेजों ने हम पर थोपा था। इसमें न्याय मिलना कठिन है।

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