सिमरन राठौड़: सेवा का शतक, विश्व मित्र परिवार ने किया सम्मानित

भावना त्यागी: तरंग न्यूज: ये भारत भूमि ऋषि-मुनियों, समाजसेवियों की है। भारत में किसी भी संकट काल में निबटने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग सामने निकल कर आते हैं। कोई भी संकट हो चाहे वह महामारी का हो, किसी भी तरह के बाढ़ हो, भूकंप का प्रकॉप हो, समुद्र में सुनामी हो, समुद्री तूफान हो या अन्य कोई भी संकट हो तो समाज में एक दूसरे की सहायता करने के लिए भिन्न-भिन्न लोग सभी वर्गों के निकल कर आते हैं। वह सेवा कार्य को अंजाम देते हैं ।  जिसके कारण समाज में समन्वय बना रहता है समाज में सरकारी तंत्र पर बोझ कम पड़ता है। सामाजिक कार्यों में रुचि लेने वाले लोग सरकारी तंत्र की भरपूर सहायता करते हैं। कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े रहते हैं। सेवा का कोई अवसर चूकने नहीं देते। चाहे उन्हें कुछ मिले या ना मिले। वह इस बात की कोई परवाह नहीं करते अपने अंतर्मन की अंतर भावना से समाज में सेवा कार्य करते हैं। ऐसे ही कुछ नाम इस कोरोना संकट में सामने आए हैं। इससे पहले जितनी भी आपदाएं आयी, जितने भी संकट देश पर, मानव जाति पर आए वो सब अलग तरह के थे। अगर बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए जाना था तो उसके बाद जाना था। तूफान पीड़ितों की सेवा के लिए जाना था तो उसके बाद जाना था। भूकंप पीड़ितों की सेवा के लिए जाना था तो उसके बाद जाना था, लेकिन इस कोरोना के रूप में एक ऐसा संकट आया है जब सब एक दूसरे से डरने लगे। यह रोग, यह महामारी, यह महारोग इस तरह का है कि इससे सब लोग डरते हैं। क्योंकि यह एक दूसरे से छूने से भी लगता है, किसी वस्तु के छूने से भी लगत सकता है। छूने से ही यह बढा है। इसलिए इस भय के माहौल में जब कुछ लोग घरों में छुप कर बैठ गए ऐसे समय में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता निकल कर बाहर आए, सामने आए और उन्होंने समाज सेवा का कार्य आगे बढ़ाया। भूखे को रोटी दी, दवाइयां दी, जो रोगी हो गए, बीमार हो गए उनको दवाइयां और लोगों को रोग से बचने के उपाय समझाने का काम किया। कैसे इस रोग से बचा जाए यह समझाने का काम भी अपने आप में बहुत बड़ा है। इन सब कामों को करने के लिए वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव की टीम, विश्व मित्र परिवार और विश्व महिला परिवार की टीम भी सामने आई। उन्हीं में से एक नाम है सिमरन राठौर का।

सिमरन एक डांस अकादमी भी चलाती है।

 

सिमरन राठौर अपने कुछ साथियों के साथ इस कोरोना संकट काल में पिछले 100 दिनों से अधिक समय से मानवीय सेवा में अनवरत लगी रही है। सरकारी तंत्र के साथ मिलकर अपने सब लोगों के साथ मिलकर समाज सेवा के इस महान कार्य को करते रहीं है। ऐसे ही महान योद्धाओं को विश्व मित्र परिवार ने कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित करने का संकल्प लिया है।

सिमरन राठौड़, सदस्य – वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव

 

सिमरन राठौड़, सदस्य – वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव
सिमरन राठौड़, सदस्य – वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव

सिमरन राठौड़, सदस्य – वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव

जिन लोगों को सेवा करते हुए 100 दिन से अधिक हो गए हैं उनको यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा। केवल सेवा करने वाले या किसी भी तरह की इस महामारी में इस महा रोग में जिसने किसी भी तरह की मानवतावादी सेवा की है। मानवीय मूल्यों की रक्षा की है, उन सब को सम्मानित करना विश्व मित्र परिवार और विश्व महिला परिवार का परम कर्तव्य बन जाता है। इस योजना में सिमरन राठौर को भीी चुना गया है।

 

 

भावना त्यागी भारतीय

सम्पादक

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