आज भारतीय वायु सेना को मिला अत्याधुनिक तकनीक से युक्त चिकून

आज भारतीय वायु सेना को मिला अत्याधुनिक तकनीक से युक्त चिकून हैलीकॉप्टर

 

विश्व का सबसे शक्तिशाली चॉपर, वायुसेना की बढ़ी ताकत

आज भारतीय वायु सेना को अत्याधुनिक तकनीक से युक्त चिकून हैलीकॉप्टर मिल गया है। ये विश्व का सबसे शक्तिशाली चॉपर है। इससे वायुसेना की  ताकत बढ़ गयी है।

भारतीय वायु सेना की ताकत में चार चांद ओर लग गये जब चिकून चॉपर चण्डीगढ़ मे सेना में शामिल हो गए। अमेरीकी विमान निर्माण कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित चिकून हैलीकॉप्टर भारत आ गया है। भारत ने अमेरिकन कंपनी बोइंग से 15 हैवी चिकून हैलिकॉप्टर लेने का करार किया था जिसकी पहली डिलीवरी में चार हैलिकॉप्टर आज भारतीय वायु सेना को सभी औपचारिकता पूरी कर चण्डीगढ़ पहुंचा दिये गए हैं।

इसके अन्दर सामन के साथ सैनिकों के बैठने की भी व्यवस्था है। विश्व का उच्चतम तकनीक से लैस चिकून हैलिकॉप्टर  सबसे मजबूत हैलिकॉप्टर माना जाता है। यह काफी ऊंचाई पर उड़ सकता है। प्रयोग में सुविधाजनक चिकून को भारी सामान ले जाने में भी प्रयोग कर सकते हैं।  सैनिकों के लिए हथियार, ईंधन, खाने पीने का सामान भी इस चोपर से ले जाया जा सकता है। भारतीय वायु सेना ने 15 चिकून हैलिकॉप्टर खरीदेंं है।भारतीय वायु सेना को अत्याधुनिक तकनीक से युक्त चिकून हैलीकॉप्टर मिलने से विपरीत परिस्थितियों में भी काम करने का अवसर मिल गया है। ये विश्व का सबसे शक्तिशाली विशेष चॉपर है। इससे वायुसेना की  अतिरिक्त ताकत बढ़ गयी है।

भारतीय वायु सेना ने 2015 में ही बोइंग कम्पनी को 15 चिनूक हेलिकॉप्टर के साथ ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर का ऑर्डर भी दे दिया था। बोइंग कम्पनी ने हेलिकॉप्टर का ढांचा तैयार करने के लिए भारत में विभिन्न कम्पनियोंं के साथ संयुक्त उद्यम लगाने के लिए  सप्लाई चेन को मजबूत करने के हेतु 160 कंपनियों को जोड़ा है। आपको बता दे कि अपाचे हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे विध्वंसक हेलीकॉप्टर माना जाता हैं। इन हेलीकॉप्टर्स का निर्माण 1984 में किया गया था। उसके बाद भी इसे कई बार अत्याधुनिक बनाया जा चुका है।

अगर हम इसे भारत के दृष्टिकोण से देखें तो सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण की दृष्टि से चिनूक हेलीकॉप्टर अत्यन्त महत्वपूर्ण है। चिनूक हेलीकॉप्टर से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण की सामाग्री आसानी से पहुंचायी जा सकती है, जिससे भारतीय सीमाओं पर ढांचागत विकास में तेजी आ जाएगी। भारत को पडोसी देशों से लगातार बार्डर पर बढ़ते खतरों को देखते हुएं अपनी सड़कों को अतिशीघ्रता से बना लेना चाहिए। जिससे की आसानी से सैनिकों को आवश्यकता पड़ने पर कोई भी सामान वहां आसानी से पहुंचाया जा सकें। हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखना हमारे सैनिकों बाखूबी आता है।

जय भारत

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