कर्नाटक के मैसूर में “चार साल पहले मर चुकी” महिला कोर्ट में जज के सामने खड़ी हो गई। जबकि उसका पति उसके मर्डर केस में डेढ़ साल से जेल में सजा काट रहा है। यह मामला न सिर्फ पुलिस जांच पर सवाल उठाता है, बल्कि एक अनोखी कहानी को भी सामने लाता है।
अपनी पत्नी मल्लिगे की कथित हत्या के आरोप में 38 वर्षीय कुरुबारा सुरेश डेढ़ साल से अधिक समय से जेल में रहकर सजा काट रहा है, जबकि मल्लिगे जीवित निकली। कोर्ट ने मैसूर के पुलिस अधीक्षक एन. विष्णुवर्धन को नए सिरे से जांच करने और 17 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
सुरेश ने दिसंबर 2020 में कोडागु जिले से अपनी पत्नी मल्लिगे के लापता होने की शिकायत दर्ज की थी। करीब नौ महीने बाद, जून 2021 में बेट्टादपुरा पुलिस को एक अज्ञात महिला का कंकाल मिला। पुलिस ने सुरेश पर दबाव डाला कि वह इसे अपनी पत्नी का शव माने। सुरेश ने पुलिस की प्रताड़ना के कारण दबाव में आकर उस कंकाल को अपनी पत्नी का कंकाल मान लिया तो पुलिस ने उसे हत्या का आरोपी बना दिया। इस आधार पर सितंबर 2022 से मुकदमा शुरू हुआ और 2.5 साल तक चला।
मल्लिगे को उसके परिचितों ने बीते 1 अप्रैल को अचानक मैसूर के मदीकेरी में घूमते हुए देखा तो वे भौचक्के रह गए। उन्होंने बिना समय गंवाए उसे पकड़ लिया और उससे गहन पूछताछ की। महिला ने बताया कि वह अपने प्रेमी के साथ रहती है और उसे उसके पति पर लगे केस की जानकारी नहीं है। महिला को अगले दिन कोर्ट में पेश किया गया।
न्यायाधीश ने हैरानी जताते हुए कहा कि पुलिस के पास शव की पहचान के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं था। उन्होंने पूछा, “कपड़े और चूड़ियों के आधार पर शव को मल्लिगे का कैसे मान लिया गया? यह सुनी-सुनाई बातों पर आधारित जांच है।” कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे देश में तीसरी या चौथी ऐसी घटना करार दिया।
सुरेश के पिता कुरुबार गांधी ने पुलिस पर अपने बेटे को झूठा फंसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने सुरेश के डेढ़ साल की कैद के लिए उचित मुआवजे की मांग की। सुरेश के वकील ने भी कहा कि वे हाई कोर्ट में मुआवजे के लिए याचिका दायर करेंगे।