- पिछले 10 वर्षों से फाइलेरिया रोगी सीता देवी ने लोगों से की अपील
- डीएम ने सीता देवी को ही फाइलेरिया की दवा खिलाकर की थी अभियान की शुरुआत
मुंगेर-
मुंगेर नगर निगम वार्ड संख्या 13 के गुलजार पोखर मुहल्ले की 48 वर्षीय सीता देवी पिछले 10 वर्षों से फाइलेरिया की रोगी हैं | उन्होंने मुंगेर वासियों से अपील करते कहा कि सभी लोग साल में कम से कम एक बार जरूर फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर और डीईसी टैबलेट को पानी के साथ निगल कर अवश्य खाएं| तभी मुंगेर जिले से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव हो सकेगा। मालूम हो कि विगत 20 सितंबर को मुंगेर के डीएम नवीन कुमार ने सीता देवी को ही फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाकर एमडीए अभियान की शुरुआत की थी।
फाइलेरिया से बचने को सभी लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खानी चाहिए।
सीता देवी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से मेरे बाएं पैर में फाइलेरिया है। मैं लगातार सदर अस्पताल में आकर फाइलेरिया का इलाज करवा रही हूँ। सदर अस्पताल से मुझे एक सेल्फ सेफ्टी किट दिया गया है जिसमें एक टब, एक मग, तौलिया, बैंडेज, साफ करने और लगाने की दवा के अलावा खाने के लिए भी दवा दी गयी है। उन्होंने बताया कि मैं बहुत ही गरीब परिवार से हूँ| मेरे पति फुटपाथ पर घड़ी की दुकान चलाते हैं। मुझ जैसे गरीबों के सदर अस्पताल में उपलब्ध कराई जा रही दवा और सुविधा ही एक मात्र सहारा है। जैसा कि सदर अस्पताल मुंगेर के डॉक्टर ने बताया है और जहां तक मेरी समझ है फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचने के सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खानी चाहिए।
घर- घर जाकर सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने में मदद कर रही हैं
इसके लिए मैं भी अपने स्तर से अपने आसपास रहने वाले सभी लोगों को यह बता रही हूँ कि अभी बिहार सरकार के द्वारा मुंगेर जिला भर में सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा अपने सामने खिलाने के लिए एमडीए अभियान चल रहा है। मुहल्ले में दवा खिलाने के लिए आशा दीदी के आने पर मैं उनके साथ होकर घर- घर जाकर सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने में मदद कर रही हूँ। मैं यह काफी भी नहीं चाहती हूं कि हाथी पांव की वजह से जो परेशानी मुझे उठानी पर रही है वो परेशानी और भी किसी लोग को हो।
फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी प्रकार को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि एमडीए अभियान के दूसरे चरण में जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखण्डों में आशा कार्यकर्ता के सहयोग से घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जा रही है। इसलिए 2 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग उनके पास स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने के बाद उनको पूरा सहयोग करते हुए उनके सामने ही अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर और डीईसी की गोली को पानी के साथ निगल का खाएं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं और किसी गंभीर रोग से ग्रसित लोग फाइलेरिया की दवा खाने से परहेज बरतें, लेकिन बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताएं अवश्य फाइलेरिया की दवा का सेवन करें। लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी प्रकार को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है फिर भी दवा खाने के बाद किसी को परेशानी हो तो वो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर से सलाह लें।