मेरी चर्चा को तोड-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया, कानूनी कार्यवाही करूंगा – डॉ उदितराज

नई दिल्ली,  मैं हतप्रद रह गया जब टीवी9 भारतवर्ष, जो 30 मार्च 2019 को ही शुरू हुआ है, के कथित स्टिंग ऑपरेशन के बारे में जानकर आश्चर्य हुआ कि मेरी चर्चा को इतना तोड-मरोड़ कर प्रस्तुत कर दिया गया है कि मुझे ही समझना कठिन हो गया। लगता  पर है चैनल पर न्यूज ना दिखाकर बलैकमेल करने का धन्धा शुरु किया है। कथित स्टिंग ऑपरेशन 8 फरवरी 2019 का बताया जाता है, जब चैनल अस्तित्व में भी नही था। हमें  यह जानकर भी दुख पहुंचा कि इन्होने इस तरह 21 लोगों से गैर प्रोफेशनल तरीके से निजी स्तर पर चर्चा को कथित स्टिंग ऑपरेशन का रूप दिया। इससे गहरा मानसिक आघात पहुंचा है, किसी के घर में सामान्य वार्तालाप को कथित स्टिंग या खबर प्रस्तुत करना न केवल निजी जीवन में हस्तक्षेप है बल्कि मीडिया की नैतिक परंपरा के विरुद्ध भी है। ये पत्रकारिता के सिद्धांतों के भी विरुद्ध है। इनके इस कृत्य से स्पष्ट होता है कि चैनल चलाने के लिए ब्लैकमेलिंग, डकैती और छिना-झपटी जैसा व्यवहार कर रहे हैं। मैं औसतन प्रतिदिन लगभग 400-500 लोगों से मिलता हूँ । कथित स्टिंग करने वाले ने अपनी पहचान बदल कर अपने आपको कथित व्यापारी बताया और दैनिक वार्तालाप को कथित स्टिंग ऑपरेशन में परिवर्तित कर प्रस्तुत किया। मैंने अपने लोकसभा के विकास के लिए देश से ही नही बल्कि कई देशों से क़ानूनी रूप से आर्थिक मदद लेकर विभिन्न विकास कार्य किये जैसे शौंचालय-स्नानग्रह, कंप्यूटर स्मार्ट क्लास, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सैकड़ों कूडाघर, स्वच्छ पानी के लिए आरो प्लांट,12,000 महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत दो गाँवों झीमरपुरा और खामपुर को खुले में शौंच से मुक्त इत्यादि कराये। इसके अतिरिक्त बुद्धा एजुकेशन फाउंडेशन(एनजीओ) के माध्यम से दलित उद्यमी(दलितों को व्यापार में प्रोत्साहन) के लिए 18 राज्यों का व्यापक सर्वे किया गया है। जब छद्म वेशधारी पत्रकार कथित स्टिंग ऑपरेशन करने वालों ने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्य में मदद की पेशकश करी तो मेरा जवाब था कि मेरे पास एनजीओ है और 80G- FCRA है मैं डोनेशन के माध्यम से क्षेत्र का विकास करता हूँ, लेकिन आज के इनके कृत्य से स्थापित हो गया है कि इन्होने राजनैतिक प्रतिद्विन्धियों के माध्यम से साजिश के तहत मुझे और मेरे पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की है जो घोर निंदनीय अपराध है।
इस षड्यंत्र के पीछे पूरी राजनैतिक प्रतिद्विन्द्ता लगती है क्योंकि आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीं नरेंद्र मोदी जी की कार्यशैली और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी मुहीम है जो कि पूरी दुनिया जानती है और साथ ही मेरे कार्य करने के तरीके को इर्ष्या करते हुए इस कृत्य को अंजाम दिया गया है | मेरा कार्य क्षेत्र में बहुत सराहनीय है इसको देखते हुए एक बार सरोकार के लिए मुझे देश का सर्वश्रेष्ठ सांसद और दूसरी बार बेजोड़ सांसद का पुरूस्कार मिला। जब मैं राजस्व विभाग में कार्यरत था तबसे ही मैं गरीबों और दलितों के अधिकारों के लिए कार्यरत रहा हूँ ।इसी कारण से स्वेच्छा से मैंने वर्ष 2003 में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरित होकर आगे का जीवन सामाजिक और राजनैतिक कार्यों में समर्पित करते हुए अतिरिक्त आयकर आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया।
निजी और अनौपचारिक वार्तालाप के दौरान क्षेत्र के व्यापारियों की बात की चर्चा करी, सन्दर्भ को न दिखा कर जीएसटी और नोटबंदी के ऊपर जो चर्चा हुई थी उसे सन्दर्भ से हटा ली गयी है। जबकि वह बात व्यापारियों की थी और अन्य किसी सन्दर्भ में थी | शब्दों को काटा गया है, और विडियो को देखने से प्रतीत होता है कि इस विडियो के साथ साफ़-साफ़ छेड़छाड़ किया गया है। अतः मैं यह भी आग्रह करता हूँ कि इस विडियो की फोरेंसिक जांच की जाये और इस पूरे मामले की जांच सीबीआई हो, जिससे इस षड्यंत्र के पीछे कौन-कौन है इसका भी पर्दाफाश हो सके। इन चैनल के पीछे श्री हेमंत शर्मा, श्री विनोद कापरी एवं श्री अजित अंजुम हैं और श्री हेमंत शर्मा स्वयं मेडिकल कॉलेज के घोटाले के आरोप में संदिग्ध है। इस तरह से अन्य मामले में श्री विनोद कापरी भी संदिग्ध हैं।
मैं सरकार के सम्बंधित एजेंसियों से जांच की मांग करूँगा कि जो टीवी 9 भारतवर्ष के एडिटर, प्रमोटर्स और एजेंट है इनके खिलाफ अनधिकृत रूप से घर में घुस कर के निजी जीवन के निजता के अधिकार का उल्लंघन, अबतक इस चैनल को स्थापित करने में कितना वित्त्तीय निवेश और उसका श्रोत, इनके द्वारा चैनल चलाने के लिए ब्लैकमेलिंग, धोखेबाज़ी, प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने आदि के खिलाफ कार्यवाही की जाये और तुरंत प्रभाव से इस खबर का प्रसारण बंद किया जाये और इस चैनल का लाइसेंस रद्द करने हेतु सम्बंधित विभाग से शिकायत दर्ज करूँगा। इसके साथ-साथ मैं जो भी क़ानूनी कार्यवाही बनती है उसे भी करूँगा। न्यूज की आड में ब्लैकमेलिंग का धन्धा करने वाले लोग पत्रकारिता को बदनाम कर रहे है।

 

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