गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही साल 2021 में भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। साल 2021 रिश्वत रोधी ब्यूरो के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहा।
एसीबी के इतिहास में सबसे बड़ा रिश्वत का मामला 50 लाख रुपये का था और एक मामले में एसीबी के इतिहास में पिछले साल 2.28 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी नकदी जब्ती का मामला था। हालांकि टोल फ्री नंबर से प्राप्त शिकायतों की कुल संख्या में 25 फीसदी मामले ही फंसने में सफल रहे।
वर्ष के दौरान 287 आरोपियों के खिलाफ 173 मामले दर्ज किए गए। प्रदेश में सबसे भ्रष्ट लोगों में गृह विभाग पहले, राजस्व विभाग दूसरे और पंचायत, ग्रामीण आवास विभाग तीसरे स्थान पर रहा.
एसीबी के उप निदेशक डीपी वाघेला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अहमदाबाद रेंज के आरआर सेल के एक पुलिसकर्मी ने 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
एसीबी द्वारा यह अब तक का सबसे बड़ा रिश्वत का मामला था। साथ ही संपूर्ण शिक्षा अभियान राज्य परियोजना अभियंता निर्पुन चोकसी को गांधीनगर सेक्टर-17 में रिमांड के दौरान रु. 2.28 करोड़ नकद बरामद जो अब तक की सबसे बड़ी नकद बरामदगी है।
एसीबी द्वारा जिन 287 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया, उनमें से 103 निजी व्यक्ति थे और उनमें से अधिकांश कक्षा 3 के कर्मचारी थे। गुजरात एसीबी के लिए आय से अधिक संपत्ति के मामले सबसे महत्वपूर्ण थे। आय से अधिक संपत्ति के 11 मामलों में एसीबी ने रु. 56.62 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। जो साल 2020 के मुकाबले 6.51 करोड़ रुपये ज्यादा था।
टोल फ्री नंबर 1064 के माध्यम से रिश्वत विरोधी ब्यूरो में भी शिकायत की जाती है। वर्ष 2021 में टोल फ्री नंबर से 116 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। सेट ट्रैप की सफलता दर 25 प्रतिशत थी। हालांकि, एसीबी के लिए अच्छी बात यह रही कि दोषसिद्धि दर 3% बढ़कर 43% हो गई और साल 2021 में 318 चार्जशीट दाखिल की गईं।
साथ ही साल 2021 में राज्य का गृह विभाग सबसे भ्रष्ट विभाग बन गया। एसीबी ने 74 आरोपियों के खिलाफ कुल 49 मामले दर्ज किए थे। इनमें 47 वर्ग 3 के आरोपी थे। जबकि राजस्व विभाग में 29 मामले सामने आए।
वर्ग एक के पांच आरोपियों सहित 45 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया। साथ ही एसीबी ने खुलासा किया है कि पंचायत ग्रामीण आवास एवं ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ा है उसमें 48 आरोपियों के खिलाफ कुल 27 मामले दर्ज किए गए थे।