तिहाड़ जेल नंबर 3 के पांच कैदी बैरक में भटककर खुद को घायल कर चुके हैं। जेल कर्मियों ने सीसीटीवी कैमरे में उसका हाव-भाव देखकर वहां जाकर उसकी जान बचाई। जेल प्रशासन के अनुसार, जेल में कैदी अक्सर एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे, कुछ को प्रताड़ित किया जा रहा था और कैदी खुद को घायल करने की कोशिश कर रहे थे। सभी कैदियों का इलाज जेल अस्पताल में किया गया। जेल डीजी संदीप गोयल ने कहा कि कैदियों ने खुद को घायल करने की कोशिश की।
जेल अधिकारियों के मुताबिक घटना मंगलवार की है। जेल नंबर 3 में बंद 5 कैदियों ने अचानक हंगामा शुरू कर दिया था वे बैरक में लोहे के पाइपों के बीच से भटकने लगे। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी हालत देख जेल कर्मचारी फौरन मौके पर पहुंचे और पांचों को बाहर निकाला।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ जेल नंबर एक के एक कैदी को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। उस कैदी का नाम संतोष है। पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान वार्डर को एक कैदी संतोष के पास एक छोटा सा फोन नजर आया, जेल स्टाफ ने कैदी से मोबाइल जब्त करने के लिए संपर्क किया लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने इसे निगल लिया। नतीजतन, उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।