बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सार्वजनिक छुट्टियों पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सार्वजनिक अवकाश नागरिकों का वैध अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया साथ ही अदालत ने कहा कि हमारे पास पहले से ही वहां बहुत सारी सार्वजनिक छुट्टियां हैं जिन्हें कम करने का समय आ गया है।
6 अगस्त को दादरा-नगर-हवेली क्षेत्र को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार 2 अगस्त से 5 अगस्त 2020 तक दादरा-नगर-हवेली मुक्ति दिवस के रूप में अवकाश प्रदान किया गया। हालांकि प्रशासन को 2021 में जारी अधिसूचना में इस दिन को सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल नहीं किया गया है इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। यदि 15 अगस्त और 5 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश है तो 5 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश क्यों नहीं हो सकता? यही सवाल याचिकाकर्ता ने पूछा था।
उच्च न्यायालय ने मामले का आदेश देते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि वर्तमान में हमारे पास वहां बहुत अधिक सार्वजनिक अवकाश हैं। इन सार्वजनिक छुट्टियों को कम करने का समय आ गया है। किसी को भी सार्वजनिक अवकाश का मौलिक अधिकार नहीं है। एक दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना नागरिकों का कानूनी अधिकार नहीं है। इस तरह कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई।