इस साल सौभाग्य योग में है सकट चौथ

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से जाना जाता है।

सकट चौथ के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन गणेश जी को तिल से बने मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है। इस बार का सकट चौथ सौभाग्य योग में है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है।

पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जनवरी को सुबह 08:51 बजे से शुरु हो रही है। चतुर्थी तिथि 22 जनवरी को सुबह 09:14 बजे तक है।

चंद्रोदय के समयानुसार 21 जनवरी को सकट चौथ का व्रत रखना उचित है क्योंकि 22 जनवरी में चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय नहीं होगा। संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है।

सकट चौथ का व्रत सभी संकटों को हरने वाला होता है, इसलिए इसे संकटा चौथ भी कहते हैं। सकट चौथ का व्रत संतान की सुरक्षा और परिवार की खुशहाली के रखा जाता है इ

स दिन गणेश जी की पूजा में दूर्वा और मोदक भी अर्पित करते हैं। गणेश जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

सकट चौथ के दिन सौभाग्य योग सुबह से लेकर दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक है, उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ हो जाएगा। यह 22 जनवरी को दोपहर तक है। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं।

21 जनवरी को सुबह 09:43 बजे तक​ मघा नक्षत्र है, इसे मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं मानते हैं इस वजह से आप इस समय के बाद ही सकट चौथ की पूजा करें, तो ठीक रहेगा। सुबह 09:43 बजे के बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र शुरू हो जाएगी, जो शुभ कार्यों के लिए ठीक माना जाता है।

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