दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी उत्तराखंड की रफ्तार, NGT ने कुछ शर्तों के साथ दी है मंजूरी

अब दिल्ली से देहरादून का सफर केवल ढाई घंटे में पूरा होने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बूम देने वाले दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। एनजीटी ने यह शर्त भी रखी है कि इस सड़क के निर्माण के दौरान पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित न हो।
इसके लिए अधिकरण ने 12 सदस्यों की समिति बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि इस हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज किया जाए। एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित नहीं हो।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.नागिन नंदा की पीठ ने इस एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने से पहले महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इन्होंने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को वन मंजूरी देने के दौरान विवेक का इस्तेमाल नहीं किया होगा। NGT ने कहा कि एक बार प्रोजेक्ट की मंजूरी देने के बाद इसके परिणामस्वरूप दूसरे चरण में पेड़ काटने की मंजूरी देनी होती है।

एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवेकी निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा है। एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो, इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, NHAI इसके लिए स्वतंत्र निगरानी प्रणाली बनाए।

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