झारखंड के 60 फीसदी शैक्षणिक संस्थान के बाहर लग सकता है ताला

झारखंड में स्थित विवि, कॉलेज और संस्थान के लिए बड़ी खबर है। राज्य में स्थित विवि, कॉलेज और संस्थान अगर तीन साल के अंदर नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल से मान्यता नहीं लेते हैं, तो उन्हें बंद किया जा सकय है। केंद्र के निर्देश के बाद से राज्य सरकार ने ये रुख अपनाया है।

पहले नैक से मान्यता नहीं रहने पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से अनुदान बंद कर दिया जाता रहा हालांकि अब अनुदान के साथ-साथ संस्थान को बंद
कर दिया जाएगा। ऐसे में जिन संस्थानों ने नैक मान्यता अवधि पूरी नहीं की है या जिनकी पूरी हो गई हैं, उन्हें फिर से मान्यता लेने को कहा गया है। जिसके बाद उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी संस्थानों को आदेश भेजने शुरू कर दिए हैं।

राज्य के 10 सरकारी विश्वविद्यालयों में अब तक पांच विवि ने ही नैक से मान्यता हासिल की है। एक अनुमान के मुताबिक, राज्य के लगभग 60 प्रतिशत संस्थानों ने आज तक नैक से मान्यता हासिल नहीं की है। इसके अलावा कई संस्थानों ने नैक से निरीक्षण कराने के लिए आवेदन दे रखा है। नैक की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में कुल 308 प्रथम श्रेणी के कॉलेज हैं, जो नैक की मान्यता प्रक्रिया के हकदार हैं।

इसमें 183 सरकारी और सहायता प्राप्त संस्थान हैं। जिसमे नैक से अब तक केवल 101 संस्थानों ने ही मान्यता हासिल की है। राज्य के कोल्हान विवि को सी ग्रेड मिला है, जबकि इसकी मान्यता 24 मई 2021 तक है।

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