इमरान खान की विपक्ष को खुली धमकी, पद से हटाया गया तो हो जाऊंगा खतरनाक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को विपक्षी दलों को खुली धमकी दी है। इमरान खान ने कहा कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे। इसके साथ ही खान ने विपक्ष की कोई भी बात मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा 23 मार्च को जुलूस निकालने की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा कि यह कदम विफल हो जाएगा। इमरान ने कहा, “अगर मैं सड़कों पर आ गया तो आप सबको छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी” उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पद छोड़ने पर मजबूर किया गया तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे।
अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट खुरासान ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की तुलना में पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की शांति और अखंडता के लिए कहीं अधिक बड़ा खतरा पैदा किया है। प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने शनिवार को यह कहा कि पिछले साल अगस्त में काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के कई शहरों में हमले तेज करने वाले आईएस-के ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों पर आतंकवादी हमलों को भी अंजाम दिया था।

खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि हाल के दिनों में आईएस-के ने इस प्रांत की शांति और सुरक्षा को टीटीपी की तुलना में अधिक खतरा पैदा किया है। पिछले साल अक्टूबर में, आईएस-के. ने प्रांतीय राजधानी में सरदार सतनाम सिंह नामक एक प्रसिद्ध सिख हकीम की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी। वह यहां यूनानी चिकित्सा पद्धति से लोगों का इलाज किया करते थे। अक्टूबर और नवंबर के महीनों में प्रांत के विभिन्न हिस्सों में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी।
न्यूज़ इंटरनेशनल के मुताबिक 25 जनवरी को सरकार विरोधी विपक्षी दलों के बड़े गठबंधन, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की अहम मीटिंग होने वाली है। पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर रहमान ने घोषणा की है कि इसी मीटिंग में गठबंधन के वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने के विकल्प पर फैसला करेंगे।
इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार और सेना के बीच ‘असाधारण’ संबंध हैं और उनके बीच खटास होने का विपक्ष का आरोप खत्म हो चुका है। अखबार के अनुसार, प्रधानमंत्री खान ने गत सप्ताह एक पत्रकार के साथ हुई बैठक में भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए थे। खान से जब सेना और विपक्षी दल पीएमएल-एन के बीच उनकी सरकार को हटाने के लिए हुए संभावित समझौते की खबरों और किसी तरह के खतरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो निजी तौर पर किसी तरह के दबाव में नहीं हैं।

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