बीते चार महीनों में दस लाख से अधिक लोगों का अफगानिस्तान से पलायन

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से देश पूरी तरह से बदल गया है। तालिबान ने जमीन के साथ-साथ लोगों के जीवन पर भी कब्जा कर लिया है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से लोग अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं। देश की हालत लगातार खराब होती जा रही है।

कोरोना महामारी, आर्थिक संकट, अकाल के साथ-साथ देश कई कठिनाइयों का सामना कर रहा है। इन तमाम मुश्किलों के बावजूद तालिबान ने हमेशा अपना रुख कायम रखा है। पिछले चार महीनों में दस लाख से अधिक लोग अफगानिस्तान से पलायन कर चुके हैं। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से दी।

अफगानिस्तान कई मुश्किलों का सामना कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था डूब चुकी है। प्रवासी ईरान और पाकिस्तान जा रहे हैं। एक निजी परिवहन कंपनी के अध्यक्ष के अनुसार, हर दिन 4,000 लोग अफगानिस्तान से ईरान की यात्रा करते हैं।

इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात के आंकड़े बताते हैं कि अफगानिस्तान से 1,500 से 3,000 लोग हर दिन ईरान जा रहे थे। ईरान में प्रवेश करने वाले कई लोग तुर्की की सीमा पार करके यूरोप में शरण लेना चाहते हैं।

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