स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट एक आतंकवादी साजिश और एक सुनियोजित साजिश थी। विशेष सत्र न्यायाधीश ए.आर. इस मामले में पटेल द्वारा गिरफ्तार किए गए 77 आरोपियों में से 49 को दोषी ठहराया जा चुका है और 28 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
इससे पहले इस मामले में 78 आरोपी पकड़े जा चुके थे लेकिन एक आरोपी को बरी कर जमानत पर रिहा कर दिया गया था। किस आरोपी को कितनी सजा दी जाए, इस मसले पर कल से कोर्ट सुनवाई शुरू करेगी। अगले चार से पांच दिनों में फैसला आने की संभावना है। यू.ए.पी.ए. देश में यह पहला मामला है जहां गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत कई आरोपियों को एक साथ दोषी ठहराया गया है।
अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में सुनवाई, जिसमें 2008 में 54 लोग मारे गए थे और 246 गंभीर रूप से घायल हो गए थे, आज संभ्रांत सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में शुरू हुआ। फैसला सुनाए जाने तक अन्य वकीलों या पक्षों को अदालत परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था क्योंकि मामला बेहद संवेदनशील था। सुबह से ही डी.सी.पी. कोर्ट परिसर में स्टाफ समेत तैनात किया गया था।
विशेष सत्र न्यायाधीश ए.आर. पटेल ने 11:16 बजे फैसला सुनाया और 11:32 बजे सुनवाई पूरी हुई जिसमें 49 आरोपियों को आईपीसी के समक्ष पेश किया गया। 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (गंभीर चोट पहुंचाना), 427 (नुकसान पहुंचाना), 121 (ए) (देशद्रोह), 124 (ए) (देशद्रोह), 153 (ए) सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाना और शांति भंग करना ) आदि खंड लागू होते हैं।
यह मुकदमा 13 साल 195 दिनों तक चला। विशेष लोक अभियोजक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एम. गवाहों की गवाही ध्रुव, मितेश अमीन, सुधीर ब्रह्मभट्ट और अमित पटेल से ली गई और सरकार द्वारा तर्क प्रस्तुत किए गए।