बेरोजगारी और कर्ज से तीन साल में 25 हजार से ज्यादा खुदकुशी

नई दिल्ली
बेरोजगारी और कर्ज के कारण 2018 और 2020 के बीच 25,000 से अधिक भारतीयों ने आत्महत्या की, केंद्र सरकार ने राज्यसभा में संसद में बेरोजगारी पर बहस के दौरान कहा। केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इनमें से 9,140 ने बेरोजगारी के कारण और 16,091 ने कर्ज के कारण आत्महत्या की।

उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में कोरोना महामारी से बेरोजगारों में आत्महत्या की दर बढ़कर 3,548 हो गई। 2018 में बेरोजगारी के कारण 2,741 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 2019 में 2,851 ने आत्महत्या की।

हालांकि, ऋण समेकन के मामले में ऐसा नहीं है। 2018 में, 4,970 ने कर्ज के कारण आत्महत्या की। 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 5,908 हो गया। 2020 में यह आंकड़ा घटकर 5,213 रह गया। बजट सत्र के दौरान रोजगार के मुद्दे को बार-बार उठाया गया। विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे देश को बजट से कोई खास राहत नहीं मिली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में सरकार को आरोप लगाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी 50 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

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