बहू की विदाई के वक्त ससुर पहनते हैं साड़ी, महिलाओं की तरह करते हैं श्रृंगार, लगाते हैं ठुमके

राजगढ़ के सारंगपुर में पाल समाज के मोहनपाल सिंह के बेटे की शादी थी। बारात झांसी के टहरौली गांव में गई थी। शादी में बारातियों के बीच समधनों ने समधियों को महिलाओं की तरह सजाया, उनका श्रृंगार किया और उन्हें साड़ी पहनाकर उनसे डांस करवाया। इस दौरान महिलाएं गालियां देती रही और समधी ठुमके लगाते रहे।

इस परंपरा को लेकर कहा जाता है कि ब्रज में जब गोपियों के साथ भगवान कृष्ण ने रास रचाया, लीला की। उसी की तरह यह परंपरा मनाई जाती है। इसमें लड़की की विदाई के समय सभी समधियों को महिलाओं की तहर कपड़े पहनाकर उनको सजाया जाता है। सजाते वक्त महिलाएं गाली गीत गाती हैं। इससे माहौल हंसी-मजाक का बना रहता है और खुशी-खुशी लड़की की विदाई की जाती है। इतना ही नहीं इससे दो परिवारों और गांव के बीच परस्पर मजबूत संबंध भी बनता है।

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