जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में बाढ़ और सूखे का खतरा बढ़ा

जलवायु परिवर्तन का देश के तटीय शहरों के साथ-साथ हिमालय के आसपास के क्षेत्रों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मौजूदा कदम नहीं उठाए गए, तो इसके नतीजे पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन से वर्षा, बाढ़ और हीटवेव बढ़ सकती है, कृषि क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन और इसके साथ जुड़े कारकों के गंभीर प्रभाव से 2050 के अंत तक गंगा, सिंधु और अमु दरिया सहित एशिया की अन्य नदियों के तट पर गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है।

अहमदाबाद में तापमान में वृद्धि का अनुभव होने की संभावना है, जबकि मुंबई में भारी मानसूनी बारिश, बाढ़ और अरब सागर का जल स्तर बढ़ सकता है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि दुनिया की आधी आबादी जलवायु परिवर्तन से खतरे में है। तमाम कोशिशों के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। ऐसा अनुमान है कि अगर भारत में तापमान 1 से 4 डिग्री बढ़ता है तो चावल का उत्पादन 10 से 30 फीसदी तक गिर सकता है। यानी इसका सबसे ज्यादा असर भारत के कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा।

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