छत्तीसगढ के प्रतापपुर में हाथियों की दहशत से कुँआरे रह जाते हैं युवा

हाथियों के दहशत के चलते प्रतापपुर क्षेत्र में कोई मां-बाप अपनी बेटियों की शादी नहीं करते

छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर इलाके के लोगों को एक अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र के 10-12 गांवों में हाथियों के आतंक के कारण इस क्षेत्र में कोई भी माता-पिता अपनी बेटियों की शादी नहीं करते हैं। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के प्रतापपुर इलाके में पिछले 15-20 साल से हाथियों के हमले में इजाफा हुआ है। 10-12 गांवों में हाथी गरज रहे हैं।

लोगों को लगता है कि प्रतापपुर इलाके में बेटी की शादी हुई तो उसे भी हाथियों की यातना का सामना करना पड़ेगा इस वजह से प्रतापपुर के युवकों की शादियां नहीं हो पाती हैं। प्रतापपुर के युवकों की शादी यदि हो भी जाती है तो माता-पिता बेटी की शादी इलाके की जगह शहर या सूरजपुर में रहने की शर्त पर करवा देते हैं।

इस क्षेत्र में कभी भी हाथियों का झुंड गांवों पर हमला कर देता है और सब कुछ तबाह कर देता है। इतना ही नहीं कई बार लोगों की जान भी जाती है। 2013 से 2020 के बीच छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले में 206 लोग मारे गए। पिछले साल सितंबर में राज्य में हाथी के हमले में 11 लोगों की मौत हो गई थी।

हाथियों का झुंड खड़ी फसल पर भी हमला करता है, तो फसल के खेत मैदान में बदल जाता है। इसको लेकर लोग बार-बार सरकार से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सरकारी मशीनरी भी हाथियों के आतंक को कम नहीं कर पाई है।

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