उत्तर प्रदेश में अब विधान परिषद के लिए जोर आजमाइश

उत्तर प्रदेश में अब विधान परिषद में बहुमत की लड़ाई तेज होने वाली है। चुनावी नतीजे आने के बाद अब विधान परिषद चुनाव के लिए सियासी दलों ने जुगलबंदी शुरू कर दी है।समाजवादी पार्टी अब पुराने चेहरों की जगह नए लोगों को प्राथमिकता देने की तैयारी कर रही है।

इस बार समाजवादी पार्ट नॉन परफॉर्मिंग वाले सिटिंग एमएलसी के भी टिकट काट सकती है और कम वोटों से हारने वाले कुछ विधायक उम्मीदवारों को एमएलसी का टिकट मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश में 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए 15 मार्च से नामांकन शुरू होगा। नामांकन 19 मार्च तक किए जा सकेंगे। 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 23 तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 25 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

सभी सीटों पर एक साथ 9 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और 12 अप्रैल को इनकी गिनती होगी। मौजूदा समय में विधान परिषद में सपा का बहुमत है। परिषद में सपा की 48 सीटें हैं, जबकि भाजपा की 36 सीटें हैं। सपा के आठ एवं बसपा का एक एमएलसी अब भाजपा में जा चुके हैं।

एक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को हुई बैठक में भाजपा संगठन ने स्थानीय निकाय के एमएलसी के नाम तय कर लिए हैं। इनमें सपा से आए कुछ एमएलसी को भी टिकट दिया जाएगा, बाकी भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम पर मुहर लग चुकी है और मंगलवार तक इनकी सूची जारी होने की उम्मीद है।

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