मास्क से कोरोना का फैलना रुकता है इसका कोई सुबूत नहीं, तो मास्क ना पहनने पर दन्ड वसूलना असंवैधानिक

वकील ने कोर्ट में कहा, “हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मास्क ने कोरोना को फैलने से रोका है।” उन्होंने कहा कि “मास्क पहनने से व्यक्ति के फेफड़े प्रभावित होते हैं।” इसके साथ सिरदर्द भी होता है। यह शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को भी कम करता है, जिससे व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। जो व्यक्ति की कोरोना से लड़ने की क्षमता को भी कम करता है।

मुंबई की लोकल ट्रेन में कोरोना नियमों के चलते जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं है। साथ ही मास्क पहनने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

मीठी बोरवाला की जनहित याचिका के मुताबिक, उन्हें लोकल ट्रेन में सफर करने की इजाजत नहीं देना उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, इसलिए उन्हें हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कोरोना की पाबंदियों का हवाला देते हुए कहा, ‘कर्फ्यू का कोई औचित्य नहीं है तो इसे लागू करने का क्या मतलब है?

डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि रात के कर्फ्यू का कोई आधार नहीं है। बल्कि जो लोग लॉक डाउन जैसी स्थितियों के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं उनकी मदद की जानी चाहिए।

कोर्ट में दायर याचिका में सीएम उद्धव ठाकरे समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब मांगा गया है, जिसमें उन्हें शुक्रवार से पहले जवाब दाखिल करने को कहा गया।

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