नारायण साईं ने अंतरिम जमानत के लिए मां की गंभीर बीमारी का झूठा दस्तावेज पेश किया

जेल से छूटने के लिए आसाराम के बेटे नारायण साईं ने अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। एक मेडिकल सर्टिफिकेट में कहा गया है कि मां की हालत गंभीर थी और उन्हें अंतरिम जमानत के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

हाईकोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए थे और भरूच एसपी की जांच में पाया गया कि भरूच के पामलैंड अस्पताल के डॉक्टर के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की गई है। गुजरात हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार ने नारायण साईं और सुनियोजित अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सोला थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के आदेशानुसार भरूच एसपी की जांच में डॉक्टर के प्रमाण पत्र से छेड़छाड़ के मामले में सोला पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस जांच में असली तथ्य सामने आए कि मेडिकल सर्टिफिकेट में यह लिखकर कि लक्ष्मीबहन का अस्पताल में इलाज चल रहा है, डॉ. वसीम राज ने दिया। इसके बाद मेडिकल सर्टिफिकेट में लिखा था कि लक्ष्मीबहन को हृदय रोग और वेंटिलेटर पर रखा गया है।

अदालत ने प्रमाण पत्र में “ऑन” के बजाय “अंडर वेंटिलेटर” शब्द का उपयोग करके जांच का आदेश दिया। भरूच एस.पी. भरूच अस्पताल के सलाहकार डॉ. राजेंद्रसिंह चुडासमा, वसीम राज व यूनिट इंचार्ज अर्पित पटेल का बयान लिया गया और रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई। हाईकोर्ट के मानवीय रवैये का दुरूपयोग करने पर पुलिस कार्रवाई की गई है।

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