एक से 19 साल तक के बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की गोली

-जिले के 12,10,586 बच्चों को दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य
छूटे बच्चों को 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड में खिलाई जाएगी गोली

बांका, 22 अप्रैल-

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर शुक्रवार को एक से 19 साल के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। छूटे हुए बच्चों को 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड में अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। जिले के 12,10,586 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में अभियान को चलाया गया। आशा ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम ने इस अभियान को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। दो साल तक बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई गई और उससे अधिक उम्र के लोगों को पूरी गोली खिलाई गई। यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में चला। अल्बेंडाजोल की दवा बच्चों को चबाकर खाने की सलाह दी गई। इस दवा का कोई साइडइफेक्ट नहीं है। इसलिए लोगों से मेरी अपील है कि जिसके घर में 19 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, वह अल्बेंडाजोल की दवा जरूर खिलाएं। शुक्रवार को जो बच्चे छूट गए हैं, उनके लिए 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। उस दिन याद से बच्चे को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाना नहीं भूलिएगा। जिले के 12 लाख से अधिक बच्चों को दवा खिलाने का है लक्ष्य।
बच्चों को उम्र के अनुसार दवा दी गईः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दवा खिलाने का मुख्य उद्देश्य पेट से संबंधित बीमारियों से उसका बचाव करना है। आज अभियान की शुरुआत हुई है। बच्चों को उम्र के अनुसार खुराक दी गई। इसे लेकर व्यापक तैयारी की गई है। हमलोगों को उम्मीद है कि इसे लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे पूरा कर लेंगे। सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाने में कामयाब रहेंगे। कृमि के कारण बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है। राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर जिले के 01 से 19 साल तक के सभी बच्चों के लिये कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इसके सेवन से बच्चे पेट के कई रोग, कुपोषण सहित अन्य बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। निर्धारित समय पर कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इससे शरीर के अंदर पल रहे कृमि नष्ट हो जाते हैं। कृमि की दवा खाने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह शरीर को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। बीमार बच्चों का दवा का सेवन नहीं कराया जाना है।
पटना से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिया जायजाः अल्बेंडाजोल दवा खिलाने के अभियान का जायजा लेने के लिए पटना से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आई थी। एसआरयू के मनीष कुमार के नेतृत्व में कटोरिया प्रखंड समेत कई जगहों का दौरा किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर अभियान को देखा। वहां पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों से इस बारे में जानकारी ली। पटना की टीम के साथ केयर इंडिया के कन्हैया कुमार भी साथ रहे।

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