सोरों जी के धार्मिक विकास में जुटी योगी सरकार

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण व दीपोत्सव, ब्रज में रंगोत्सव, विंध्यवासिनी धाम कॉरीडोर, नैमिष तीर्थ, शुक्र तीर्थ व काशी वाराणसी में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का 100 वर्ष उपरांत बापस आना और प्रतिष्ठापित होना पूरे विश्व में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन गया है

सीएम योगी ने 28 अक्टूबर 2021 को सोरों जी शूकर क्षेत्र को आधिकारिक तौर पर तीर्थ स्थल घोषित किया था। विधानसभा चुनाव से पूर्व 11 फरवरी 2022 को हुई जनसभा में योगी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह अयोध्या की तरह कासगंज के तीर्थ धाम सोरों जी का भी समग्र विकास करेंगे।

कासगंज जिले के मुख्य विकास अधिकारी तेजप्रताप मिश्रा ने बताया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार तीर्थ धाम सोरों जी शूकर क्षेत्र को लेकर काफी गंभीर है। हाल ही में सरकार ने पंचकोसीय परिक्रमा व हरिपदी घाटों के सौन्दर्यीकरण और पुनरुद्धार व विकास के लिए 75 करोड़ से अधिक की धनराशि निर्गत की है।

प्रोफेसर राधाकृष्ण दीक्षित कहते हैं कि समृद्धशाली वैदिक इतिहास की अगर बात करें तो पुराणों के अनुसार जनपद कासगंज का सोरों जी इसका एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। कालांतर में यह क्षेत्र शूकर तीर्थ व पांचाल प्रदेश के नाम से विख्यात रहा।

भगवान वराह के पुण्य प्रभाव से यह क्षेत्र विश्व संस्कृति के उद्गम स्थलों में से एक माना गया है। पुराणों में सोरों जी शूकर क्षेत्र पंचयोजन अर्थात 60 किलोमीटर का बताया गया है जिसकी परिधि में कासगंज जिला के अतिरिक्त पडोसी जिला अलीगढ हाथरस एटा फर्रुखाबाद और बदायूं का हिस्सा भी आता है।

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