फाइलेरिया उन्मूलन : जमुई जिले में हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का किया गया आयोजन

-जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सीएचओ, एएनम, लैब टेक्नीशियन ने लिया भाग

-जिले में 10 फ़रवरी से शुरू होगा सर्व -जन दवा सेवन अभियान

जमुई।

फाइलेरिया रोग का पता लगाने हेतु जिले में नाईट ब्लड सर्वे शुरू होने वाला है .इस अभियान के लिए जिला -सिविल -सर्जन सभागार में दिन मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एक – एक सीचओ,एएनम, लैब टेक्नीशियन ने लिया भाग लिया।

उक्त विषय की जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया ने बताया की जिले में 10 फ़रवरी से शुरू होगा सर्व -जन दवा सेवन अभियान, इसी के मद्देनजर नाईट ब्लड सर्वे किया जाना है जो दिसंबर माह में ही शुरू किया जाएगा।

डॉ धुसिया ने बताया की नाईट ब्लड सर्वे से लोगों में फाइलेरिया परजीवी होने का का पता लगाया जाता है। एवं रात में 8.30 के बाद 12 .00 रात्री से पहले ही लोगों का ब्लड सेम्पल लेकर जाँच किया जाता है, क्योकि फाइलेरिया के परजीवी इसी समय जागरूक होकर ब्लड में चलते हैं। इस कारण इसे नाईट ब्लड सर्वे कहा जाता है।

नाईट ब्लड सर्वे हेतु 22 जाँच स्थल बनया जाएगा :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी प्रमोद कुमार कुमार ने नाईट ब्लड सर्वे के लिए जिले में कुल 22 जाँच स्थल बनाया जाना है जिनमें 11 रेंडम एवं 11 सेंटीमेंटल सत्र स्थल होंगें, जहाँ कुल 6600 लोगों की जाँच किया जाना है।

प्रमोद कुमार बताते हैं कि फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दीर्घकलिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले ‘फाइलेरिओडी’ नामक निमेटोड के कारण होता है।

इस मौके पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी विकाश, पिरामल के प्रतिनिधि गुंजन चौधरी एवं राकेश कुमार, जिला स्वास्थ्य कर्मी मो.शमीम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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