मध्य प्रदेश में पत्थर फेंकने वालों से वसूली के लिए अधिसूचना जारी की गई है। कानून कहता है कि अपराधी की मौत के बाद भी नुकसान की भरपाई उसकी संपत्ति से वसूल कर की जाएगी।
इस संबंध में मध्य प्रदेश सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान की रोकथाम एवं नुकसान की वसूली अधिनियम के तहत एक अधिसूचना जारी की गई है।
कानून के अनुसार, यदि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले बदमाश की मृत्यु हो जाती है, तो भी मुआवजे का दावा समाप्त नहीं किया जाएगा और नुकसान की भरपाई उसकी संपत्ति से वसूल की जाएगी।
राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद से यह अधिनियम पूरे मध्य प्रदेश में लागू किया गया है। ट्रिब्यूनल तूफान या अन्य कारणों से हुए नुकसान का आकलन करेगा। इसके बाद ट्रिब्यूनल नुकसान की भरपाई करेगा। यदि मुकदमे के दौरान हारने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो मामले का निपटारा नहीं किया जाएगा, बल्कि उसके नाम की संपत्ति को बेच दिया जाएगा और नुकसान की भरपाई की जाएगी।
प्रावधान के मुताबिक ट्रिब्यूनल का फैसला लिखित आदेश होगा और ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी। प्रत्येक निर्णय/आदेश की मूल प्रति जिलाधिकारी के न्यायिक अभिलेख कक्ष में प्रस्तुत की जायेगी। दावा आयुक्त प्रत्येक पक्ष को आदेश की एक प्रति निःशुल्क प्रदान करेगा। अधिनियम 90 दिनों की अवधि के भीतर ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का भी प्रावधान करता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2021 में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान की रोकथाम और नुकसान की वसूली अधिनियम-2021 को मंजूरी दी थी। मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कानून को मंजूरी मिल चुकी है।