मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकरों की आवाज कम करने की मुहिम चल रही है। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर लगाने की अर्जी खारिज कर दी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार और संवैधानिक अधिकार नहीं है। दो जजों की बेंच ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

बदायूं के बिसौली गांव में एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान की मांग को लेकर एसडीएम को आवेदन दिया गया था। 6 दिसंबर 2021 को एसडीएम ने लाउडस्पीकर लगाने से मना कर दिया। एसडीएम के आदेश के खिलाफ इरफान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इरफान की याचिका पर जस्टिस वी.के. बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास ने आरोपों से इनकार किया।

हालांकि दोनों जजों ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने या शमन करने का आदेश दिया है। शोर कम नहीं करने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कई जगहों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान भी चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने निर्धारित मानकों से अधिक लाउडस्पीकर नहीं बजाने के आदेश दिए हैं।

इसी बीच महाराष्ट्र में मुस्लिम मौलवियों ने लाउडस्पीकर अजान को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उनके फैसले के मुताबिक अब सुबह की अजान बिना लाउडस्पीकर के की जाएगी। मुंबई की प्रसिद्ध सुन्नी ग्रैंड मस्जिद मदनपुरा और मीनारा मस्जिद में बिना लाउडस्पीकर के सुबह की अज़ान की गई। दक्षिण मुंबई की करीब छह मस्जिदों के मौलबीयों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का फैसला किया था।

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