अस्पताल आने वाले को घर का सदस्य समझ सेवा कर रहीं रेणु रमन सिन्हा

  • नर्स दिवस आज-बांका शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हैं तैनात,
  • 24 साल से बिना रुके लोगों की सेवा में मुस्तैदबांका,

आज नर्स दिवस है इसलिए आज हम आपको एक ऐसी एएनएम (नर्स) रेणु रमन सिन्हा के बारे में बता रहे हैं जो पिछले 24 सालों से लगातार लोगों की सेवा में मुस्तैद हैं।

यह अस्पताल में आने वाले हर मरीज को घर का सदस्य समझती हैं, यही कारण है कि उनकी सेवा से सभी लोग संतुष्ट रहते हैं। रजौन से शुरू हुए अब तक के सफर में रेणु ने कई अस्पतालों में योगदान किया। सदर अस्पताल में भी तैनाती के दौरान अपनी भूमिका निभाई। अब दोबारा वह शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी भूमिका निभा रही हैं।

वह अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैदी से करती हैं। मरीजों के साथ अपनत्व का रिश्ता उन्हें प्रतिदिन समय पर अस्पताल खींच लाता है।रेणु कहती हैं कि जब मैंने नौकरी शुरू की थी तो उम्मीद नहीं थी कि लोगों का इतना प्यार मिलेगा। काम को जब लोगों का समर्थन मिलता है और सीनियर की तारीफ मिलती है तो लगता है कि मैंने भी कुछ किया है।

बांका शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दूसरी बार मेरी तैनाती है। इस वजह से क्षेत्र के लोगों से काफी पुरानी पहचान है। अगर कोई अस्पताल आने में सक्षम नहीं भी होता है तो फोन से भी पूछ लेती हूं। कभी-कभी तो लगता है कि अस्पताल में ड्यूटी खत्म हो गई तो अब घर में फोन पर क्या सलाह दूं, लेकिन फिर मैं सोचती हूं कि अपना समझते है तभी लोग मुझे कॉल करते हैं। इसी प्यार के सामने मैं विवश हो जाती हूं।

रेणु कहती हैं कि चूंकि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण का काम होता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका देने का काम अभी करती हूं, इसलिए यहां वाली महिलाओं और उसके परिजनों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी करती हूं। लोगों को बताती हूं कि पहला बच्चा 20 साल के बाद और दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें।

साथ में दो बच्चे के बाद बंध्याकरण जरूर करवा लें। परिवार छोटा रहेगा तो न सिर्फ घर के सदस्य स्वस्थ रहेंगे, बल्कि आर्थिक आजादी भी मिलेगी। परिवार नियोजन को लेकर अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल को लेकर भी लोगों को जागरूक करती हूं।

रेणु कहती हैं कि एक नर्स के तौर पर तो हमेशा चुनौती मिलती रहती है, लेकिन कोरोना काल में चुनौतियों से लड़ने में काफी आनंद आया। सभी कुछ पहली बार था। जांच से लेकर टीकाकरण का काम पहली बार कर रही थी। ऊपर से कोरोना का खौफ, लेकिन अस्पताल के कर्मियों के सहयोग और खुद की हिम्मत के भरोसे इस चुनौती का सामना करते हुए और मजबूत हुई।

आज खुशी इस बात की मिलती है कि इतनी विषम परिस्थिति में भी मैंने हिम्मत नहीं हारी और मजबूती से अपना काम किया। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि रेणु का काम हर तरह से बेहतर रहा है। कोरोना में तो बेहतर रहा ही है, साथ में नियमित टीकाकरण में भी अपनी भूमिका बढ़-चढ़कर निभाती है। क्षेत्र के लोगों में भी रेणु की एक अलग पहचान है।

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