ताजमहल की जगह महल था, हमारे पास दस्तावेज हैं, जयपुर के शाही परिवार का दावा

दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल के बेसमेंट को खोलने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई अभी कुछ समय के लिए टाल दी गई है।

ताजमहल के तहखाने में 22 कमरे खोलने की याचिका पर गुरुवार को आगे सुनवाई होनी है, जब जयपुर के शाही परिवार ने दावा किया कि ताजमहल हमारी संपत्ति है। शाही परिवार की सदस्य और भाजपा सांसद दीया कुमारी ने कहा, “हमारे पास ताजमहल के बजाय एक महल था।”

उन्होंने आगे दावा किया कि उनके पास दस्तावेज हैं जो दिखाते हैं कि जयपुर का शाही महल वहीँ था जहां आज ताजमहल है। जिस पर शाहजहाँ ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया था। क्योंकि शाहजहां के पास उस समय भरपूर ताकत और सैन्य शक्ति थी इसलिए जयपुर का शाही परिवार विरोध नहीं कर सका क्योंकि शासन शाहजहाँ का था।

दीया कुमारी ने कहा कि आज अगर कोई सरकार किसी की जमीन लेती है तो वह जमीन के मालिक को मुआवजा देती है। उस समय ऐसा कोई कानून नहीं था जिसके तहत हम अपनी जमीन लेने का विरोध कर सकें। मैं यह नहीं कह रही हूं कि ताजमहल को गिरा देना चाहिए बल्कि इसके बंद कमरों को खोलना चाहिए और इस कमरे में क्या है इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मैं जरूरत पड़ने पर ताजमहल से जुड़े दस्तावेज कोर्ट को मुहैया कराऊंगी। हमारे पास जो दस्तावेज हैं, वे कह रहे हैं कि शाहजहाँ को हमारा महल पसंद आया और उसने उस पर कब्जा कर लिया। यह तय है कि यह जमीन हमारे परिवार की है।

ताजमहल में बंद कमरों को फिर से खोलने की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले भाजपा नेता ने कहा कि बंद कमरों में हिंदू देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं और इसका सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।

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