अफगानिस्तान में बुरका फरमान के विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरी

भारत में दकियानूसी कटटरवादी विचारधारा वाले लोग चंद लालची मुस्लिम महिलाओं की मदद से हिजाब को धार्मिक पहनावा बनाकर पेश करना चाहते हैं जबकि एक जानकारी के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम महिलाएं अपनी इच्छा से बुरका नहीं पहनती हैं बल्कि उन्हें दबाव से बुरका पहनाया जाता है।

जबकि अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाएं बुरका पहनाये जाने के विरोध में सड़कों पर उतर आयी हैं। हालाँकि अफगानिस्तान एक मुस्लिम देश है फिर भी मुस्लिम महिलाएं बुर्के से आजादी चाहती हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा बुर्का के लिए एक नया फरमान जारी किया गया है और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली महिला कार्यकर्ताओं ने विरोध करने के लिए काबुल की सड़कों पर उतर आए हैं।

नया फरमान महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बुरका पहनने का आदेश देता है। तालिबानियों ने बुर्के का विरोध करने वाली महिलाओं को धमकाना शुरू कर दिया है। हालांकि फिर भी महिलाओं ने मंगलवार को सड़क पर रैली की।

इसमें शामिल एक महिला ने कहा, “तालिबान ने धमकी दी कि अगर हम एक कदम भी आगे गए तो हम पर 30 राउंड फायर करेंगे।”

तालिबान की ओर से जारी एक नए आदेश के मुताबिक महिलाओं को सिर से पांव तक बुरका पहनना होगा। यदि कोई महिला इस आदेश का उल्लंघन करती है तो उसकी सजा उसके पिता, पति या किसी अन्य पुरुष रिश्तेदार को भी मिलेगी। उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा या देश से निकाल दिया जाएगा।

गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में तालिबान के आदेश पर भी चर्चा होनी है।

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