ब्रिटेन मंदी की चपेट में है, जिसमें 1.5 मिलियन परिवारों को भुखमरी का खतरा है

रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। नतीजतन, कई देशों में मुद्रास्फीति ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

ब्रिटेन में महंगाई 30 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जिससे लोगों को 2 समय की रोटी लेने में भी परेशानी हो रही है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, अगले एक साल में करीब 15 लाख परिवार भोजन और ऊर्जा का बिल वहन नहीं कर पाएंगे। महंगाई और भारी टैक्स ने यहां के परिवारों का बजट बर्बाद कर दिया है।

ब्रिटेन इस साल मंदी की चपेट में आ जाएगा। इस देश की जनता को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए वित्त मंत्री ऋषि सनक ने उनसे लोगों को इस स्थिति से बचाने के लिए और कदम उठाने की अपील की है।

NIESR की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को मई से अक्टूबर के बीच यूनिवर्सल क्रेडिट को 25.25 प्रति सप्ताह तक बढ़ाना चाहिए। इससे सरकार पर 31.3 अरब का बोझ पड़ेगा। अगर उन्हें यह समर्थन नहीं दिया गया तो देश में गरीबी बढ़ेगी। नतीजतन, लाखों परिवारों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा।

NIESR ने 2022 में 3.5% की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है, लेकिन वर्ष की अंतिम दो तिमाहियों में इसमें गिरावट आ सकती है। यह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल देगा। अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों के लिए मंदी को मंदी कहा जाता है।

एनआईईएसआर का कहना है कि सरकारी नीतियां देश में लोगों की वास्तविक आय को कम करेंगी। उनके अनुसार 2022 में परिवारों की वास्तविक आय में 2.4% की कमी आएगी और अगले साल बेरोजगारी भी बढ़ेगी।

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