इसरो ने गगनयान के लिए HS-400 रॉकेट बूस्टर का परीक्षण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से HS-400 रॉकेट बूस्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अंतरिक्ष यात्रा के लिए यह परीक्षण काफी अहम साबित होगा।

इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मानव रेटेड ठोस रॉकेट बूस्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह उनके परीक्षण का पहला चरण था। इस बूस्टर रॉकेट के जीएसएलवी-मार्क 2 रॉकेट के नीचे रखे जाने की संभावना है। इसलिए इसे बूस्टर रॉकेट कहा जाता है।

यह टेस्ट काफी अहम साबित होगा क्योंकि गगनयान की तैयारियां चल रही हैं। इससे पहले इसरो ने जुलाई 2021 में डेवलपमेंट इंजन लॉन्ग ड्यूरेशन हॉट टेस्ट का तीसरा टेस्ट किया था। रॉकेट इंजन के परीक्षण मानकों को पूरा करता था। यह भारत की समान अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण चरण बन गया है।

रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने में मदद करेगा। उनकी अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा देगा। रूस की मदद से चार भारतीय पायलटों को गगनयान के लिए प्रशिक्षित किया गया है। गैगनॉट्स के नाम से मशहूर इन अंतरिक्ष यात्रियों को भारत अंतरिक्ष में भेजेगा।

केंद्र सरकार ने गगनयान के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का कार्यक्रम है। इसरो के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा बनाए गए HS200 बूस्टर रॉकेट का सफल परीक्षण किया गया है। यह पूरी तरह से स्वदेशी रॉकेट बूस्टर है।

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