क्या भारत को रूस से अलग करेगा अमेरिका? अब तक का सबसे बड़ा दांव खेलने की तैयारी

भारत-अमेरिका संबंध अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं। यह भारत को रक्षा क्षेत्र में रूस पर अपनी निर्भरता को दूर करने में मदद करने के लिए हथियारों का एक पैकेज भी तैयार कर रहा है। यह भारत को 500 मिलियन रुपये की आर्थिक और सैन्य सहायता देने के लिए तैयार है।

इस्राइल और मिस्र के बाद भारत इस सहायता का तीसरा प्राप्तकर्ता होगा जिसको अमेरिका ने इतनी मदद की है। इस संबंध में अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत को दीर्घकालिक रक्षा साझेदार के रूप में बनाए रखने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण होगा।

अमेरिका भारत को युद्धक विमान, युद्धपोत और टैंक जैसे महत्वपूर्ण हथियारों की आपूर्ति करना चाहता है। अमेरिका और उसके सहयोगी शुरू में भारत से निराश थे लेकिन अब अमेरिका और उसके सहयोगी मोदी सरकार को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में लुभाने की कोशिश करने लगे हैं।

मोदी अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया में बाइडेन के साथ शिखर वार्ता करेंगे.बैठक में क्वाड नेता भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल होंगे। इसके बाद भारत को अगले साल जर्मनी में होने वाले जी-7 समिट में शामिल होने का न्योता भी दिया गया है।

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