उत्तर प्रदेश में इस्लामिक संगठन की आड़ में कथित रूप से अवैध धर्मांतरण कराए जाने के आरोप में तीन लोगों को अरेस्ट किया गया है। जबकि मौलवी समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
ये इस्लामिक संगठन बेरोजगार और गरीब हिंदू युवकों को अपना निशाना बनाता है। उन्हें किसी बड़ी कंपनी में नौकरी, मकान और लाखों रुपये कमाने का लालच देकर अपने संगठन का सदस्य बनाते हैं। जब हिन्दू युवक इस्लामिक संगठन का सदस्यता ले लेता है तो उसे मदरसे में भेजा जाता है।
मदरसे का मौलवी हिन्दू युवकों को मुस्लिम धर्म अपनाने और उसका प्रचार-प्रसार करने की एक सप्ताह तक ट्रेनिग देता है। इस तरह से जब मौलवी हिंदू युवक का पूरी तरह से ब्रेनवॉश कर देता है, तब उसका धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
जानकारी के मुताबिक, बनारस जिले के रहने वाले सुधांशु चौहान का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। जिसपर उसने साफ मना कर दिया। आरोप है कि इसके बाद मदरसे में उसे कई दिनों तक बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया।
मामले की खबर लगते ही सुधांशु के परिजन केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के पास पहुंचे और उनसे अपने बेटे को इस्लामिक संगठन के चंगुल से छुड़ाने की गुहार लगाई। जिसपर मंत्री ने फतेहपुर जिले के मंत्री प्रतिनिधि अंशू सिंह सेंगर को तत्काल कार्रवाई कराए जाने की बात कही। मामले का पता लगने के बाद सदर कोतवाली पुलिस से शिकायत की गई।
पीड़ित ने बताया कि सप्ताह भर की ट्रेनिंग के बाद उसे मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने लगे। मकान मालिक अलीम ने भी धर्म परिवर्तन के लिए उसे जबरन बाध्य करते हुए बंधक बना लिया था।
वहीं पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए मौलवी, अरमान अली और उसके एक अज्ञात मुस्लिम साथी के खिलाफ बंधक बनाने, धर्म परिवर्तन, धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।