जरूरतमंद मरीजों के  इलाज के लिए वरदान साबित हो रही है मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना 

  – एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले मरीजों को ही मिलता है योजना का लाभ

 – मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने पर ही मरीजों को दिया जाता है लाभ 

 लखीसराय

– सामुदायिक स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इलाज कराने में आर्थिक समस्या बाधक नहीं बने, इसके लिए सरकार एवं राज्य स्वास्थ्य समिति बेहद गंभीर और सजग है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना लाई गई है। जिसके माध्यम से ऐसे मरीजों को इलाज के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है, जो आर्थिक समस्या के कारण अपना इलाज कराने में असमर्थ हैं। उक्त योजना के माध्यम से राज्य के आम जरूरतमंद और असाध्य रोग से पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। उक्त योजना का लाभ लेने को सरकार द्वारा कुछ शर्त और नियम-प्रावधान भी लागू किया गया है। जैसे, इस योजना का लाभ लेने वाले मरीजों की वार्षिक आय एक लाख रुपये के अंदर हो समेत अन्य नियम-प्रावधान लागू किया गया और ऐसे ही मरीजों को उक्त योजना का लाभ दिया जाता है। ताकि जरूरतमंद मरीज आसानी से योजना का लाभ ले अपना समुचित इलाज करवा सकें।  – इन बीमारी से पीड़ित मरीजों को दी जाती है सरकार द्वारा सहायता राशि :सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, सरकार द्वारा कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, ब्रेन ट्यूमर, एड्स, कूल्हा एवं घुटना प्रत्यारोपण, स्पाइनल सर्जरी, मेजर वैस्कुलर सर्जरी और बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए अलग-अलग सहायता राशि दी जाती है। इसके अलावा भी अन्य रोगों को मान्य करने के लिए निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित अधिकृत समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है।

असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को दी जानेवाली सहायता राशि संबंधित चिकित्सा संस्थान को क्रास चेक के माध्यम से दी जाती है। 

 – जानें, कैसे मिलेगा योजना का लाभ :

 मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित मरीजों (आवेदक) को इलाज कराने वाले स्वास्थ्य सस्थानों के सभी कागजातों के साथ निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार को अनुदान के लिए आवेदन समर्पित करना होगा। निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा आवेदक को निर्धारित तिथि को बुलाया जायेगा। मरीजों द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए कागजातों और साक्ष्यों की जांच के बाद अनुदान की राशि जारी कर दी जायेगी। राज्य के अंदर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अलग राशि निर्धारित है ,जबकि राज्य के बाहर इलाज करानेवालों के लिए अलग दर निर्धारित है। एक प्रकार के रोग में अलग-अलग इलाज के लिए भी भिन्न भिन्न राशि निर्धारित की गयी है।  – मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने पर ही मिलेगा योजना का लाभ : उक्त योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों या फिर सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने पर ही संबंधित मरीजों को दी जाती है। उक्त राशि संबंधित संस्थान को चेक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है।  

– योजना का लाभ लेने के लिए यह है जरूरी : – मरीज बिहार का नागरिक हो – मरीजों की वार्षिक आय एक लाख रुपये के अंदर हो – रोगों से संबंधित इलाज राज्य सरकार के अस्पताल एवं सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों में ही हो  – आवेदन के साथ देना होगा यह कागजात : – सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र- डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी द्वारा ही निर्गत आय प्रमाणपत्र- राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का स्लीप (पुर्जा) और मूल अनुमानित राशि।  – निर्धारित की गई सहायता राशि : – कैंसर – 20 हजार- 60 हजार तक- हृदय रोग – 25 हजार – एक लाख 30 हजार तक- किड़नी रोग – डेढ़ लाख- ब्रेन ट्यूमर – 15 हजार -25 हजार- एड्स – 50 हजार- कूल्हा व घुटना प्रत्यारोपण – 15 हजार-20 हजार- स्पाइनल सर्जरी – 10 हजार -15 हजार- मेजर वैस्कुलर सर्जरी – 20-25 हजार- बोनमैरो ट्रांसप्लांट – 25 हजार

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