बांका सदर अस्पताल में हर महीने 200 लोग करा रहे डायलिसिस

 -किडनी के मरीजों को सुविधा के साथ आर्थिक राहत भी मिल रही

-मरीजों को अब निजी अस्पताल का नहीं लगाना पड़ता है चक्कर 

बांका- 

बांका सदर अस्पताल में डायलिसिस सेवा शुरू होने से किडनी के मरीजों को बड़ी राहत मिली है। जिले के लोगों को अब डायलिसिस कराने के लिए निजी अस्पताल या फिर यहां से बाहर दूर नहीं जाना पड़ रहा है। सदर अस्पताल के मैनेजर अमरेश कुमार ने बताया कि यहां पर डायलिसिस की सुविधा लगभग चार सालों से है। इस सेंटर से महीने में लगभग दो सौ लोगों की डायलिसिस हो रही है। डायलिसिस करने के लिए पूरी टीम यहां पर मौजूद है। एक डॉक्टर, सीनियर और जूनियर टेक्नीशियन के साथ यहां पर मैनेजर हर वक्त तैनात रहते हैं, ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। इसके अलावा एक जीएनएम और हाउस कीपिंग स्टाफ रहने से भी लोगों को यहां पर बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। साथ ही मरीजों के मनोरंजन के लिए डायलिसिस सेंटर में टीवी की भी सुविधा है।  सिविल सर्जन डॉ. रविंद्र नारायण ने कहा कि सदर अस्पताल में मरीजों के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ रही हैं। सदर अस्पताल में डायलिसिस शुरू होने से किडनी के मरीजों को काफी सहूलियत हुई है। खासकर गरीब मरीजों को तो यह सुविधा बहुत ही राहत दे रही है। जिनलोगों के पास राशन कार्ड है, उन्हें यह सुविधा बिल्कुल ही मुफ्त में मिल रही है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं भी है उन्हें मामूली चार्ज ही लगता है। अच्छी बात यह है कि इस सेवा का लाभ काफी संख्या में जिले के लोग उठा भी रहे हैं। एक साथ पांच मरीजों का हो सकता है डायलिसिसः सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर के इंचार्ज मनीष कुमार ने बताया कि यहां पर डायलिसिस सेंटर नेफ्रोकेयर कंपनी चला रही है। इस सेंटर में पांच बेड की व्यवस्था है और विश्व स्वास्थ संगठन व भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी मानकों को यहां पर पूरा किया गया है। आधुनिक संसाधनों तथा सुविधाओं से सुसज्जित यह केंद्र चालू हो जाने से बांका जिले के किडनी फेल्योर मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा आसानी से मिल रही है। यहां पर दूसरे जिले के लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। मुंगेर से भी लोग यहां पर डायलिसिस कराने के लिए आ रहे हैं। उनके पास भी राशन कार्ड रहने से यह सुविधा मुफ्त में मिलती है।  सुविधा का लाभ लेने के लिए तीन चीजें लाना आवश्यकः मनीष कुमार ने कहा कि इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए लोगों को तीन चीजें लेकर आना आवश्यक है, जिसमें चिकित्सक के परामर्श पर पर्चा, राशन कार्ड और आधार कार्ड शामिल हैं। इस आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण डायलिसिस सेंटर में किया जाता है और पंजीकरण के बाद डायलिसिस की सुविधा मिलती है। डायलिसिस सेंटर में ऑनलाइन निबंधन के बाद लोगों को अस्पताल प्रबंधक से सत्यापन कराना होता है। सत्यापन पर्चा डायलिसिस सेंटर में लाकर जमा करना होता है, जिसके आधार पर अस्पताल के उपाधीक्षक के द्वारा ऑनलाइन अप्रूवल दिया जाता है।

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