– 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है ,जिला में शुरू होगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा
– ” परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय ” की थीम पर मनाया जाएगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा
– नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के आंकड़ों के अनुसार जिला में परिवार नियोजन के साधन अपनाने वाले लोगों के प्रतिशत में हुआ सुधार
मुंगेर- विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को है । इसको ले सोमवार 27 जून से 10 जुलाई तक जिला भर में दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके बाद 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस से जिला में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। जिला के एसीएमओ सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने को ले देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी के मद्देनजर विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को ध्यान रखते हुए सोमवार से जिलाभर में दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा की शुरुआत हुई है। वहीं 11 जुलाई से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का भी आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस की थीम ” परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय ” है। उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी दिशा- निर्देश के अनुसार परिवार स्थिरता पखवाड़ा के दौरान अभियान में जीविका दीदी, विकास मित्र और सांसद- विधायक को भी शामिल करते हुए सोशल मीडिया सहित अन्य मीडिया व प्रचार वाहन के माध्यम से ई. माइकिंग से लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान जिला भर में जनसंख्या स्थिरता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध दवाओं की जानकारी आम लोगों को पहुंचाते हुए योग्य दम्पति को परिवार नियोजन की सेवा उपलब्ध कराना है। केयर इंडिया की फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर तसनीम रजि ने बताया कि मुंगेर जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में काफी जागरूकता आई है। नवदम्पतियों सहित जिले के सभी लोगों में परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल के प्रति काफी उत्सुकता देखी जा रही है। काफी संख्या में लोग परिवार नियोजन के लिए दोनों साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है। इसका प्रमाण है कि सदर हॉस्पिटल सहित जिले के सभी पीएचसी में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन करवाने के लिए काफी संख्या में महिला और पुरुष पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिला में परिवार नियोजन के लिए अन्य स्थाई और अस्थाई साधनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी काफी सुधार हुआ है। इसका खुलासा राष्ट्रीय परिवार सर्वे 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार हुआ है। एनएफएचएस 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में हुआ सुधार : उन्होंने बताया कि एनएफएचएस 4 2015-16 की तुलना में एनएफएचएस 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार जिले में परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में सुधार हुआ है। एनएफएचएस 4 की तुलना में एनएचएफएस 5 2019 – 2020 के आंकड़े इस प्रकार से हैं – 1. परिवार नियोजन के लिए कोई भी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या 35.4% से बढ़कर 68.% हुई है। 2. परिवार नियोजन के लिए कोई भी आधुनिक साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या 33.6% से बढ़कर 49.0% हो गई है। 3. परिवार नियोजन के लिए फीमेल स्टरलाइजेशन कराने वालों की संख्या 30.7% से बढ़कर 33.7% हो गई है। 4. परिवार नियोजन के लिए मेल स्टरलाइजेशन कराने वालों की संख्या 0.0% से बढ़कर 0.2% हुई है। 5.परिवार नियोजन के लिए आईयूडी,पीपीएयूडी साधन इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 0.3% से 0.6% हो गई है। 6. परिवार नियोजन के लिए पिल का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 0.3% से बढ़कर 3.1% हो गई है। 7.परिवार नियोजन के लिए कन्डोम इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 1.7% से बढ़कर 8.6% हो गई है।8. परिवार नियोजन के लिए इंजेक्शन लगवाने वाली महिलाओं की कुल संख्या 0.4% से बढ़कर 1.1% हो गई है। इसके साथ ही परिवार नियोजन के लिए सुविधाओं में हुई सुधार 19.8% से बढ़कर 23.3% हो गया है।