शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गाय के दूध, घी, और गोमूत्र का प्रयोग करें

शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गाय के दूध, घी, और गोमूत्र से अच्छा कोई साधन नहीं है। भारत सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन व डेयरी विभाग के कैबिनेट मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि महानगरों की आधुनिकता से भरी असंतुलित जीवन शैली को यदि पटरी पर लाना है, तो हमें प्रत्येक महानगर के बाहरी इलाके में काऊ हॉस्टल की स्थापना करनी होगी।

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा यदि शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गाय के दूध, घी, और गोमूत्र का प्रयोग करें। उन्होंने अहमदाबाद की बंशीधर गौशाला का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर 200 रुपये किलो गाय का दूध और 4000 रुपये किलो गाय का घी बिकता है।

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था गाय पर आधारित है। वहां गाय को जेबू कहते हैं। हमारी गिर नस्ल की गाय को वहां सर्वोपरि गाय माना गया है।

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना है तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ानी होगी और पोषण की दृष्टि से संतुलित जीवनशैली अपनानी होगी। इन सभी आयामों की प्राप्ति का गाय ही एकमात्र साधन है।

उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी वास्तविक प्रकृति में लौट रहा है और दुनिया उसके सामने नतमस्तक हो रही है। केंद्रीय मंत्री रुपाला ने योग का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरे विश्व में जिस तरह से योग को सम्मान मिला है, वैसे ही दुनिया गौ विद्या को भी उतने ही सम्मान से देखेगी।

उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न प्रकार के मशीन द्वारा बनी अगरबत्ती, दिया, गोबर से बनी लकड़ियों, चारा निरूपण यंत्र तथा उपचारात्मक यंत्र की भूरी भूरी प्रशंसा भी की।

आईआईटी के छात्र आशीष ने केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को सूखे गोबर से लट्ठे (लॉग) बनाने वाली एक “गो काष्ठ” मशीन सौंपी। इसका मकसद भारत में दाह संस्कार की हिंदू प्रथा के तहत लकड़ियों के स्थान पर गाय के गोबर से बनी लकड़ियों का इस्तेमाल करना है जो जलने पर ज्यादा उत्सर्जन नहीं करती हैं।

गोधन महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक विजय खुराना ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में 19500 गौशाला है, जबकि इनकी संख्या 10 वर्ष पहले 9500 थी। आज गौशालाओं में सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों की बदौलत आय के संसाधन बढ रहे हैं और गौशालाओं की कायापलट हो रही है।

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